नालंदा, बिहार: बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद, जेल में बंद रहकर फार्म भरने वाले एक युवा ने अजीबोगरीब तस्वीर बनाई है। नालंदा जिले के एक कैदी ने हाथों में हथकड़ी लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में ज्वाइनिंग लेटर लेने के लिए पहुंचा है। इसका कारण है उसकी नियुक्ति पत्र का आदेश, जिसे न्यायालय ने दिया है।
युवा कैदी की कहानी
इस अजीब और हैरतअंगेज घटना की कहानी है राजकिशोर चौधरी की, जो बिहारशरीफ मंडल कारा क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने घरेलू मारपीट के मामले में जिला कोर्ट ने उन्हें करीब दो महीने से जेल में बंद किया हुआ है। इस दौरान, राजकिशोर ने जेल में रहते हुए बीपीएससी का फार्म भरा और सफलतापूर्वक परीक्षा दी, जिसके परिणामस्वरूप उसे शिक्षक के पद पर नियुक्ति पत्र मिला।
न्यायालय के आदेश पर ज्वाइनिंग लेटर

राजकिशोर चौधरी को शिक्षा विभाग ने हाई स्कूल तियुरी में योगदान देने का आदेश दिया है, लेकिन उन्हें सस्पेंड किया जाएगा और जैसे ही उन्हें बेल मिलेगा, वह स्कूल में फिर से ज्वाइन करेंगे। न्यायालय ने उन्हें बेल नहीं मिलने के कारण फिलहाल सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
विधि प्रभारी का कहना
इस मामले में विधि प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि राजकिशोर को नियुक्ति पत्र दिया गया है और उन्हें स्कूल में जाकर ज्वाइन होने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इस दौरान उन्हें सस्पेंड किया जाएगा और जैसे ही उन्हें बेल मिलेगा, वह स्कूल में पुनः सेवा करने के लिए ज्वाइन होंगे।
नियमों का पालन करना होगा
राजकिशोर चौधरी फिलहाल कोर्ट से बरी नहीं हो गए हैं, और जब तक उन्हें बरी नहीं मिलती, तब तक वह सस्पेंड ही रहेंगे। उन्हें विभाग के सभी नियमों का पालन करना होगा। इस मामले में न्यायालय ने उन्हें शिक्षक पद पर योगदान देने का आदेश दिया है, लेकिन उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा, और जैसे ही उन्हें बेल मिलती है, वह फिर से स्कूल में ज्वाइन करेंगे।
यह घटना नालंदा में आई है और इसने लोगों को हैरान कर दिया है कि कैसे एक युवा, जो जेल में बंद है, फिर भी पढ़ाई करके परीक्षा में सफल होकर नौकरी पाने का सपना देख सकता है। इस संदर्भ में, यह भी दिखाता है कि न्यायिक प्रक्रिया द्वारा लोगों को न्याय मिल रहा है और उन्हें समाज में फिर से स्थान मिल रहा है।**