सरहुल में हाल ही में हुई झांकी निकालने के दौरान चुनाव आचार संहिता की उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में केंद्रीय सरना समिति के 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। झांकी में उठाए गए नारों में ‘जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा’ के साथ-साथ ईडी-सीबीआई का भी जिक्र किया गया था। इसके बाद राँची जिला प्रशासन ने कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराया।

सरहुल जुलूस के दौरान तैनात दंडाधिकारी विनय कुमार के बयान के आधार पर केंद्रीय सरना समिति के 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर में लिखा गया है कि झांकी में धार्मिक अवसर का राजनीतिक इस्तेमाल किया गया है, जो आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है।
इस मामले में यह भी दावा किया गया है कि प्रशासन द्वारा पूरी झांकी की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। यहां तक कि झांकी में उठाए गए नारों के साथ दिखाए गए पुलिस बल के दबाव का भी मामला है।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के चलते, चुनाव आचार संहिता की धारा के तहत सरहुल में हो रही झांकी निकालने की घटना और इसके बाद एफआईआर दर्ज कराने का मामला चर्चा का केंद्र बन गया है।

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, उपाध्यक्ष प्रशांत टोप्पो, प्रमोद एक्का, निर्मल पाहन, केंद्रीय सेवा समिति के महासचिव संजय तिर्की, विनय उरांव, राजू उरांव, सुरेंद्र मुंडा, पंचम लोहरा, शंकर लोहरा, आकाश उरांव, दीनू उरांव, प्रदीप लकड़ा, रवि लकड़ा, भुनेश्वर लोहरा, ललित कच्छप, विनोद भगत, पुरन, बलकु उरांव, किशन लोहरा, सोनू तिर्की, कुलदीप, समरा उरांव, अनुप मुंडा और अमर तिर्की के खिलाफ दर्ज केस की खबरें आ रही हैं। इसके बाद गुरुवार को सरहुल में एफआईआर की प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पिपरटोली के अरगोड़ा द्वारा निकाली गई झांकी पर भी दंडाधिकारी विनय कुमार के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। यहां भी झांकी में आदिवासियों को पुलिस बल द्वारा दबाते हुए दिखाया गया है। झांकी में इसके साथ ही ‘अदानी देश छोड़ो’ के स्लोगन भी लिखा गया था।
इस घटना के बाद सरकारी अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि राजनीतिक मुद्दों का धार्मिक रूप में उपयोग न हो, और चुनाव आचार संहिता का पालन हो सके। इससे समाज में विश्वास और आत्मविश्वास बना रहेगा और लोकतंत्र की मजबूती में सहायक होगा।