भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर के अमेरिका प्रवास ने भारत की विदेश नीति और बाहरी मुद्दों के मामले में अमेरिका के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की शुरुआत की है। उनका दौरा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ हुआ, और इस मुलाकात में भारत की व्यापक चिंताओं और मुद्दों को लेकर चर्चा की गई।
जयशंकर ने इस मौके पर कहा कि कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयानों ने भारत की दिशा में लगाए गए आरोपों को अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। ट्रूडो ने हाल ही में एक घटना के संदर्भ में भारत पर आरोप लगाया था, जिसमें वह ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ बताते हैं।
विदेशमंत्री ने यह भी जताया कि भारत के साथ बढ़ते विवाद के बावजूद, कनाड़ा ने अपने चरमपंथी और आतंकवादी तत्वों को पनाह देने का नीतिनिर्माण किया है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय दूतावासों और व्यापारिक स्थलों में सुरक्षा स्तर में बढ़ोतरी की आवश्यकता हो रही है, क्योंकि वहां की राजनीतिक माहौल और चरमपंथियों की वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए जाना-देखा जाना आसान नहीं है।
जयशंकर ने इस मौके पर बताया कि भारत ने चरमपंथियों और आतंकवादी तत्वों के खिलाफ सख्त उपायों का समर्थन करता है और यह एक ऐसा संयोजन है जिसका मूल्य कनाड़ा को भुगतना पड़ सकता है।
विदेशमंत्री जयशंकर के अमेरिका प्रवास ने भारतीय विदेश नीति के मामले में महत्वपूर्ण मोर्चों पर विचार करने का एक मौका प्रदान किया है, और यह सुनिश्चित करता है कि भारत और अमेरिका के बीच सार्थक और सकारात्मक संवाद जारी रहता है।”
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