देश में कई ऐसे सफल बिजनेसमैन हैं जिनकी कहानी हर व्यक्ति को प्रेरित कर सकती है। ऐसे ही एक शख्स हैं अनिल अग्रवाल जो भारत के मशहूर बिजनेस टाइकून हैं। अनिल अग्रवाल वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वो कहते हैं ना एक सफल व्यापारी का स्वाभाव भी काफी सरल और नरम होना चाहिए। अनिल अग्रवाल इसका सटीक उदाहरण हैं। वह ना सिर्फ एक बड़े बिजनेसमैन बल्कि अपने सरल स्वभाव और सादगी के लिए भी जाने जाते हैं। अनिल अग्रवाल ने अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर आज अपने बिजनेस को इस मुकाम तक पहुंचाया है। इसी के चलते आज उनका नाम भारत की अमीर शख्सियतों में गिना जाता है।
15 साल की उम्र में छोड़ी पढ़ाई
अनिल अग्रवाल का जन्म साल 1954 में पटना के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। उन्होंने मिलर हायर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई की है। उस वक्त अनिल के पिता द्वारका प्रसाद अग्रवाल का पटना में एल्यूमीनियम कंडक्टर का एक छोटा-सा व्यवसाय था। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद जहां आमतौर पर लोग हायर स्टडीज के लिए कॉलेज में एडमिशन लेते हैं। लेकिन अनिल ने तो महज 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर एल्यूमीनियम कंडक्टर बनाकर अपने पिता के व्यवसाय में शामिल होने का फैसला किया।
अलग-अलग बिजनेस में डाला हाथ
फिर वह करियर के नए अवसर ढूंढने के लिए पटना से पुणे और मुंबई आ गए। फिर उन्होंने केबल कंपनियों से स्क्रैप मेटल लेना शुरू किए और वो उन्हें मुंबई बेच देते थे। धीरे-धीरे उन्हें इससे अच्छा मुनाफा होने लगा। इसके बाद उन्होंने साल 1976 में कॉपर बनाने वाली शमशेर स्टर्लिंग कॉरपोरेशन का अधिग्रहण किया। करीब 10 साल ये बिजनेस करने के बाद अनिल ने 1986 में जेली फिल्ड केबल बनाने की फैक्ट्री शुरू की। साल 1993 तक आते-आते उनकी कंपनी तांबा गलाने वाली देश की पहली प्राइवेट कंपनी बन गई। फिर 2001 में 551 करोड़ रुपये में बाल्को में 51 परसेंट हिस्सेदारी हासिल करने के बाद अनिल अग्रवाल एल्युमीनियम इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन गए।
सोशल मीडिया पर हैं मशहूर
धीरे-धीरे उन्होंने कई देशों में कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया। वह सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर है। ट्विटर पर अनिल अग्रवाल को 1,63,000 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। वह अपने कई मोटिवेशनल वीडियो और साथ ही अपने बिहार के प्रति लगाव और प्रेम के भी वीडियो शेयर करते रहते हैं।