ब्रिटेन के आम चुनाव आज, 4 जुलाई को हो रहे हैं। इस चुनाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्षी लेबर पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। इस बार के चुनाव में कुछ बड़े नाम हैं जिनपर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं। चलिए, जानते हैं इन प्रमुख चेहरों के बारे में और क्यों यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
ऋषि सुनक
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं। ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले एशियाई और हिंदू प्रधानमंत्री हैं, और उनका राजनीतिक सफर कई चुनौतियों से भरा रहा है। हालांकि, चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कंजर्वेटिव पार्टी की स्थिति मजबूत नहीं दिख रही है। सुनक के खिलाफ लोगों में नाराजगी बढ़ती महंगाई और अधूरे वादों के कारण है। उन्होंने ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली है। उनके नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी को इस चुनाव में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
कीर स्टार्मर
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लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर एक पूर्व मानवाधिकार वकील और मुख्य जन अभियोजक रह चुके हैं। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी को बहुमत मिलने का दावा किया गया है, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। स्टार्मर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पूर्व डायरेक्टर रहे हैं और साल 2020 के अप्रैल महीने में उन्होंने लेबर पार्टी की कमान संभाली थी। उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय नेता की है, जो अपने राजनीतिक विचारों और सिद्धांतों के लिए जाने जाते हैं।
निगेल फरेज
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यूरोपीय संसद के पूर्व सांसद 60 वर्षीय निगेल फरेज को ब्रिटेन की राजनीति के सबसे विभाजनकारी नेताओं में गिना जाता है। 2016 में उन्होंने ब्रेग्जिट के पक्ष में मतदाताओं को राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे उन्हें ‘मिस्टर ब्रेग्जिट’ का उपनाम मिला था। इस चुनाव में फरेज आठवीं बार सांसद बनने की कोशिश कर रहे हैं। फरेज कट्टर दक्षिणपंथी रिफॉर्म यूके पार्टी के प्रमुख हैं, और कई सर्वेक्षणों में दावा किया जा रहा है कि रिफॉर्म यूके पार्टी कई प्रमुख सीटों पर कंजर्वेटिव पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। फरेज पर नस्लवादी और समलैंगिक विरोधी बयान देने के भी आरोप लगते रहे हैं।
एड डेवी
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58 वर्षीय एड डेवी पहली बार 1997 में संसद के लिए चुने गए थे। पूर्व अर्थशास्त्र शोधकर्ता ने 2012 से 2015 तक कंजर्वेटिव-लिबरल डेमोक्रेट गठबंधन के तहत सरकार के ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन सचिव के रूप में कार्य किया था। डेवी 2019 में वामपंथी लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता बन गए थे और दक्षिणी ब्रिटेन में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। डेवी का कहना है कि चुनाव जीतने पर वह ब्रिटेन की स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रणालियों में सुधार करेंगे और मतदान की आयु घटाकर 16 वर्ष करने की योजना भी है।
जॉन स्विनी
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जॉन स्विनी ब्रिटिश संसद में सीट नहीं रखते, लेकिन वे एडिनबर्ग में स्कॉटिश संसद में पहले मंत्री थे। 60 वर्षीय स्विनी मई में सिर्फ़ एक साल में एसएनपी के तीसरे नेता बने। स्विनी ने पार्टी में स्थिरता लाने की कोशिश की है और अगर उनकी पार्टी स्कॉटलैंड में बहुमत सीटें जीतती है तो वह लंदन स्थित यूके सरकार के साथ स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता वार्ता शुरू करने की कोशिश करेंगे।
चुनाव के प्रमुख मुद्दे
महंगाई
ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई एक बड़ा मुद्दा है। ऋषि सुनक ने अपने चुनावी वादों में महंगाई पर काबू पाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। यह मुद्दा उनके खिलाफ जा सकता है।
ब्रेग्जिट
ब्रेग्जिट के बाद से ब्रिटेन की राजनीति में अस्थिरता रही है। निगेल फरेज ने ब्रेग्जिट के समर्थक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन अब उनकी पार्टी का चुनावी प्रदर्शन देखना दिलचस्प होगा।
स्वास्थ्य सेवाएं
एड डेवी ने चुनाव जीतने पर ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का वादा किया है। यह मुद्दा वोटर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।ब्रिटेन के आम चुनाव में इस बार कई बड़े चेहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। ऋषि सुनक, कीर स्टार्मर, निगेल फरेज, एड डेवी, और जॉन स्विनी जैसे नेताओं की भूमिका निर्णायक होगी। इन चुनावों के परिणाम से ब्रिटेन की राजनीति और नीतियों में बड़े बदलाव आ सकते हैं। अब यह देखना होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है और कौन ब्रिटेन के भविष्य की दिशा तय करेगा।