कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने हाल ही में इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म करने की घोषणा की है, जोकि गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ है। इस घोषणा के पीछे क्या कारण है और इसके संदर्भ में क्या महत्व है, इसे समझने के लिए हमें थोड़ी गहराई से देखना होगा।
गाजा में इजरायल की कार्रवाई के बाद, जिसमें कई मासूम लोगों की मौत हो गई और बहुत से घायल हो गए, कई देशों ने इजरायल के खिलाफ आलोचना और निंदा की। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इस कठिन परिस्थिति में गाजा में हो रहे अत्याचार की ओर ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म करने की घोषणा की।

पेट्रो ने इस निर्णय को बोगोटा में एक रैली में किया, जिसमें उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भी जिक्र किया। उन्होंने नेतन्याहू को एक नरसंहार करने वाले नेता के रूप में वर्णित किया और इसी कारण इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ने का फैसला किया।
पेट्रो ने रैली में हजारों के समर्थकों को संबोधित किया और कहा कि दुनिया नरसंहार और विनाश को स्वीकार नहीं कर सकती। उन्होंने गाजा में हो रहे घातक हमलों के खिलाफ आवाज उठाई और इसे नजरअंदाज करने की भी सलाह दी।

इजरायल ने इस पर पलटवार किया और कोलंबिया पर हमास की आतंकी कार्रवाइयों का समर्थन करने और यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इजरायली विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कोलंबिया के राष्ट्रपति को नाजीवादी शैतानों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया और उन्हें नरसंहार करने वाले नेताओं के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया। उन्होंने भी कहा कि कोलंबिया के राष्ट्रपति ने इस फैसले के साथ सबसे घृणित शैतानों के साथ खड़े होने का फैसला किया है, जोने नवजातों को जलाया, बच्चों की हत्या की, महिलाओं के साथ बलात्कार किया और निर्दोष नागरिकों को किडनैप किया।

गाजा में हो रहे घातक हमलों के बाद, कोलंबिया ने पहले भी इजरायल के साथ अपने संबंधों को घटा दिया था। पेट्रो ने इस मुद्दे पर कड़ी आलोचना की थी और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की थी। उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में गाजा में हो रहे अत्याचार का सख्त विरोध किया और इसे नजरअंदाज करने की भी सलाह दी थी।
कोलंबिया और इजरायल के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं, लेकिन गाजा में हो रहे हालात के बाद से ये संबंधों में दरारें आई हैं। इसके परिणामस्वरूप, कोलंबिया ने इजरायल के खिलाफ कठिन एक्शन लिया है और राजनयिक संबंधों को तोड़ने का फैसला किया है।