अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाओं में हलचल मच गई है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता लोम्बो तायेंग ने अब भाजपा में शामिल हो लिया है। इससे पहले भी दो कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग और वांगलिन लोवांगडोंग ने भाजपा में शामिल हो गए थे। इस घटना से कांग्रेस की शक्ति में कमी हो रही है और उनका परिवार बढ़ते राजनीतिक दबाव का शिकार है।
लोम्बो तायेंग के जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी की स्थिति अधिक कमजोर हो गई है। अब केवल पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ही वह कांग्रेस विधायक बचे हैं, जिन्होंने 2019 में चार सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इससे पहले भी दो कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिससे पार्टी की स्थिति और भी नाज़ुक हो गई है।
इस घटना से पहले, अरुणाचल प्रदेश में अन्य कई राजनीतिक घटनाएं भी हुई हैं, जिनमें बीजेपी को बड़ा हासिला है। निर्दलीय विधायक चकत अबो ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। चकत अबो तिरप जिले के खोंसा पश्चिम से हैं और उन्होंने भी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है। इससे पार्टी की धारणा मजबूत हो गई है और उनकी राजनीतिक शक्ति में वृद्धि हुई है।
यह घटनाएं दिखाती हैं कि अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक वातावरण में बड़ा बदलाव आ रहा है। कांग्रेस पार्टी को निरंतर हानि हो रही है जबकि बीजेपी निरंतर अपनी धारणा मजबूत कर रही है। इससे भाजपा की स्थिति मजबूत हो रही है और वे राजनीतिक अधिकार में अधिक बलवान हो रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के संकट को देखते हुए बीजेपी ने अपनी राजनीतिक धारणा मजबूत करने का मौका पकड़ा है। वे निरंतर अपनी पार्टी की धारणा मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं और इससे पार्टी की स्थिति मजबूत हो रही है। यह घटनाएं भाजपा के लिए एक बड़ी जीत हैं और उन्हें राजनीतिक अधिकार में अधिक बलवान बनाने में मदद मिलेगी।