राजस्थान में हाल के दिनों में सड़क हादसों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है, जिससे कई लोगों की जान चली गई और अनेक लोग घायल हो गए। इन घटनाओं में प्रमुखता से दौसा और उदयपुर जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं का उल्लेख है।
दौसा जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एक एसी स्लीपर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह घटना हरिद्वार से जयपुर लौट रही बस के अचानक बेकाबू होकर डिवाइडर को तोड़ते हुए नीचे गिरने और पलटने से हुई। इस हादसे में एक युवती की मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह लगभग 4:45 बजे हुआ। जब बस ड्राइवर को झपकी आने के कारण बस ने सभी लाइन क्रॉस कर दी और एक्सप्रेस-वे से नीचे खेतों में जा गिरी। यह हादसा दौसा के बांदीकुई सोमाडा गांव के नजदीक हुआ।
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घटना के तुरंत बाद, आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस के आने से पहले ही ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मदद की। इस हादसे में टोंक निवासी युवती अंकिता की मौत हो गई, जबकि ड्राइवर सहित 22 लोग घायल हो गए। घायलों को दौसा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि दो गंभीर घायलों को जयपुर रेफर किया गया। इस हादसे के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जिससे लोगों में नाराजगी देखने को मिली। पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
इस हादसे के अलावा, उदयपुर जिले में भी एक बड़ी दुर्घटना हुई। उदयपुर-आबू रोड पर एक तेज रफ्तार बाइक और जीप की टक्कर के कारण तीन युवकों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य झुलस गए। यह दुर्घटना सोमवार रात को फलासिया थाना क्षेत्र में हुई। बाइक पर सवार तीन दोस्त युवक हादसे के शिकार हो गए। इस दुर्घटना में बाइक का पेट्रोल टैंक फट गया, जिससे बाइक और जीप दोनों में आग लग गई। बाइक पर सवार सुनील, राहुल और दीपक की सिर में चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। जीप में सवार छह यात्रियों में से दो झुलस गए, जिन्हें उदयपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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सड़क हादसों की यह घटनाएं न केवल दुखद हैं बल्कि चिंताजनक भी हैं। इन हादसों के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तेज रफ्तार, सड़क पर ध्यान न देना, नींद की कमी, शराब का सेवन, और यातायात नियमों का पालन न करना। इन सभी कारकों के चलते सड़क पर हादसे होते हैं, जो लोगों की जान ले लेते हैं और कई परिवारों को शोक में डाल देते हैं।
इन घटनाओं के बाद, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यातायात नियमों के सख्त पालन, ड्राइवरों की नियमित जांच, और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। इसके अलावा, दुर्घटना स्थल पर तुरंत पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने के लिए पुलिस और एंबुलेंस सेवाओं को और अधिक सक्रिय और सुसज्जित करना आवश्यक है।
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सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके प्रति समाज के सभी वर्गों को जागरूक होना आवश्यक है। ड्राइवरों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। लंबी यात्रा पर निकलने से पहले पर्याप्त नींद लेना, शराब का सेवन न करना और नियमित रूप से वाहन की जांच करवाना भी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, यातायात पुलिस को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
सड़क हादसों से बचाव के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान सुरक्षित रहे। हादसों के बाद त्वरित राहत और बचाव कार्य की भी व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।
इन कदमों के साथ ही, सरकार को सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, सड़क सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने और लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक योजनाएं बनानी होंगी। समाज में सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार व्यवहार विकसित करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है।