सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मनीष सिसोदिया को आप ताउम्र सलाखों के पीछे नहीं रख सकते हैं और इसमें जल्दी न्यायिक बहस होनी चाहिए। इसमें आगे कहा गया है कि ईडी और सीबीआई को लताड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आगे बढ़ते हुए कहा है कि जांच एजेंसिया सिसोदिया को अनिश्चित अवधि” के लिए जेल में नहीं रख सकते।
इसमें दिल्ली शराब घोटाला के मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप लगाने के बाद बहस की जल्दी शुरू होनी चाहिए, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ताक़तवर रोप सा जताया है। इसमें बताया गया है कि सीवी राजू और एसवीएन भट्टी की पीठ ने जांच एजेंसियों से पूछा है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी। राजू ने बताया कि आरोपी को ताउम्र सलाखों के पीछे नहीं रख सकते और बहस जल्दी होनी चाहिए। इसमें सीवी राजू ने बताया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले सीआरपीसी की धारा 207 में हैं और उसके बाद आरोप पर बहस शुरू होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को जल्दी न्यायिक बहस करने का निर्देश दिया है। इसमें सीवी राजू ने दावा किया है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोपों की बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए और उन्होंने आरोपी को ताउम्र सलाखों के पीछे नहीं रख सकते। इसमें आगे बताया गया है कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें जमानत मिली थी, लेकिन बाद में उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। इसमें बताया गया है कि मनीष सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक “हाई-प्रोफाइल” व्यक्ति हैं और इसलिए उनके खिलाफ आरोपों की बहस में तारीक़ी तकनीकी बाधा आ सकती है।
इसमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए तारीक़ तय की है और मंगलवार को भी आगे की सुनवाई होगी। इससे साफ होता है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को तेज़ी से मामले में आगे बढ़ने का निर्देश दिया है और उन्होंने मनीष सिसोदिया को बिना सुकून से तारीकों के पीछे नहीं रखने की अपील की है।