NEET 2024 पेपर लीक और रिजल्ट में गड़बड़ी के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे धन और भ्रष्टाचार का सहारा लेकर कुछ लोग अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए परीक्षा प्रणाली को तहस-नहस करने में लगे हैं। इस पूरे मामले में कई प्रमुख आरोपी सामने आए हैं जिन्होंने अपने गुनाह कबूल कर लिए हैं।
पेपर लीक की साजिश
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NEET 2024 पेपर लीक के मामले में सबसे पहले जो नाम सामने आया, वह है अमित आनंद का। अमित आनंद ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने 5 मई को एग्जाम से एक दिन पहले ही पेपर बाहर निकाल दिया था। इसके बदले में उसने छात्रों से 30 से 32 लाख रुपये वसूले थे। उसने बताया कि रातभर पेपर को छात्रों को रटवाया गया और फिर सुबह पेपर को जला दिया गया। पुलिस ने इस जलाए गए पेपर के अवशेष भी जब्त कर लिए हैं।
सिकंदर प्रसाद यादवेंदु की संलिप्तता
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इस मामले में दानापुर नगर परिषद में तैनात इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु की भी संलिप्तता पाई गई है। सिकंदर ने अपने भतीजे अनुराग यादव की मदद की थी। सिकंदर ने अनुराग को कोटा से पटना बुलाया और कहा कि सेटिंग हो गई है। एक दिन पहले ही क्वेश्चन पेपर मिल गया था, जिसे रात में रटवाया गया था। अनुराग यादव ने पुलिस के सामने यह बात स्वीकार की है कि उसने पेपर लीक का फायदा उठाया था।
अमित आनंद का कबूलनामा
बिहार पुलिस के अनुसार, अमित आनंद ने पहले भी भर्ती और परीक्षा के पेपर लीक कराए हैं। उसने यह भी कबूल किया कि उसके फ्लैट पर लोग पेपर लेने आते थे। इस मामले में उसने दानापुर नगर निगम कार्यालय के जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को भी शामिल किया था, जिसने अपने भतीजे के लिए पेपर लीक कराने की मदद मांगी थी। अमित ने बताया कि सिकंदर ने अपने भतीजे और उसके दोस्तों के लिए पेपर मांगे थे और इसके लिए 30 से 32 लाख रुपये देने को तैयार हो गया था।
पेपर लीक का पूरा घटनाक्रम
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अमित आनंद ने बताया कि 4 मई की रात को उसने चारों बच्चों को अपने फ्लैट पर बुलाया था। वहां उन्हें पेपर दिया गया और रातभर उन्हें वह पेपर रटवाया गया। सुबह होते ही पेपर को जला दिया गया ताकि सबूत नष्ट हो जाए। इस मामले में पुलिस ने अमित आनंद को गिरफ्तार कर लिया है और उसने कबूल किया है कि वह पहले भी इस तरह के काम कर चुका है।
समाज और शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव
इस पूरे मामले ने समाज और शिक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रभाव डाला है। एक ओर जहां यह दिखाता है कि कैसे कुछ लोग शिक्षा व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी बताता है कि किस तरह भ्रष्टाचार और धन का उपयोग कर कुछ लोग अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं। इससे न केवल उन मेहनती छात्रों को नुकसान होता है जो कड़ी मेहनत से अपनी पढ़ाई करते हैं, बल्कि यह भी शिक्षा प्रणाली की साख को धूमिल करता है।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
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सरकार और प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। न केवल दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इसके लिए परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का तुरंत पता लगाया जा सके और उसे रोका जा सके।
NEET 2024 पेपर लीक का मामला शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाता है और यह बताता है कि कैसे कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए पूरी प्रणाली को तहस-नहस करने में लगे हैं। इस मामले में आरोपियों ने अपने गुनाह कबूल किए हैं और पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। लेकिन इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।