भारत और रूस के बीच दूरसंचार मंत्री एस. जयशंकर की पांच दिवसीय यात्रा का हलचल मचा हुआ है। इस दौरे के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा, “हमें अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी।”
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यह दौरा भारत और रूस के बीच के पुराने और मजबूत रिश्तों को और भी मजबूत करने का प्रयास है। इस दौरे से पहले भी रूस-भारत संबंधों में मजबूती आई है, खासकर 2014 के बाद से। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती के चर्चे अक्सर सुने जाते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति के बावजूद, भारत ने अपने सबसे पुराने दोस्त के साथ खड़ा रहने का फैसला किया है। जयशंकर ने दोनों देशों से शांति और युद्ध रोकने की अपील की, और संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे मंचों पर भी भारत ने इस मुद्दे से अलग ही रहा है।
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इस यात्रा के दौरान, जयशंकर ने रूसी उपप्रधानमंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की और उनके साथ बातचीत की। इसके बाद, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा कि वह विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन में मिलेंगे।
इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। पुतिन ने बताया कि रूस और भारत के बीच व्यापार खासकर कच्चे तेल और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बढ़ रहा है।
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इससे पहले भारत और रूस के बीच 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं, जो संबंधों को और भी मजबूत बनाने का मंच प्रदान करता है। पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुआ था। इस मौके पर पुतिन ने बताया कि व्यापार में वृद्धि हो रही है और उन्होंने रूस-भारत संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका को साबित किया।