भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चीफ, एस सोमनाथ ने स्पेस स्टेशन के बारे में बताया कि भारत अगले 20 से 25 सालों में अपना स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है। इसके पीछे का मुख्य कारण है चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी और गगनयान मिशन के प्लानों का प्रगति पर आधारित है।
गगनयान मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य 2021 में लॉन्च करना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह समय सीमा बढ़ा दिया गया। इसरो चीफ ने बताया कि भारत के बाद अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाना ही होगा, और वह स्वतंत्र रूप से काम करेगा |
हालांकि इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के मुकाबले इसका आकार छोटा होगा। उन्होंने इसरो के एक पूर्व चीफ, के सिवन की बताया कि उनका सपना है कि इसरो का स्पेस स्टेशन सूक्ष्म प्रयोग के लिए उपयोग किया जाए, और यह पर्यटन के लिए नहीं होगा। वर्तमान में, धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पांच देशों के संयुक्त स्पेस स्टेशन, इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन (ISS), काम कर रहा है, और यह धरती का एक चक्कर पूरा करता है।भारत का इसरो अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण अंतरराष्ट्रीय यातायात और अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे देश की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष साझा करने की क्षमता बढ़ सकती है।