कंगाली की कगार पर खड़ा पाकिस्तान अपने देश की समस्याओं को सुलझाने के बजाय अब भी भारत के साथ दुश्मनी निकालने की करतूतों के बारे में ही सोच रहा है। पाकिस्तान अब अपने मुल्क में रह रहे हिंदू लोगों के तीज-त्योहारों पर चिढ़ निकाल रहा है। इन इस्लामिक कायदे-कानूनों के कारण अन्य मजहब के लोगों का अब पाकिस्तान में रहना मुश्किल हो रहा है।
देश की इस्लामी पहचान कम होती है
ना सिर्फ हिंदू बल्कि सिख, बौद्ध और क्रिश्चियनों के भी अधिकार अब पाकिस्तान में कम होते जा रहे हैं। इसी बीच ये खबर सामने आई है कि पाकिस्तान में अब शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह आयोजित करने पर भी रोक लगा दी है। यानी की अब पाकिस्तान के स्कूल और कॉलजों में होली नहीं खेलने दी जाएगी। पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने होली समारोह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि, इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान कम होती है।
12 जून को हुआ था कायदे-ए-आजम यूनिवर्सिटी होली महोत्सव
अब पाकिस्तानी उच्चायोग के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। बता दें उच्च शिक्षा आयोग ने ये फैसला तब लिया है जब 12 जून को इस्लामाबाद स्थित कायदे-ए-आजम यूनिवर्सिटी में होली का महोत्सव आयोजित हुआ था। यह कार्यक्रम मेहरान स्टूडेंट काउंसिल के द्वारा आयोजित किया गया था। बता दें मेहरान स्टूडेंट काउंसिल यूनिवर्सिटी का गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन है। इस आयोजन के बाद से ही मुल्क में बवाल शुरू हो गया था।
15 हिंदू छात्रों को किया था घायल
बता दें कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के होली समारोह के कई वीडियोस भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इन वीडियो में छात्र कॉलेज कैंपस में रंगों से होली खेलते हुए और जश्न मनाते हुए नजर आ रहे थे। गौरतलब है कि इससे पहले मार्च में भी कट्टरपंथी इस्लामी छात्र संगठन ने पंजाब विश्वविद्यालय परिसर होली खेलने का विरोध करते हुए 15 हिंदू छात्रों को जख्मी कर दिया था।