केन्या के मुसोली शहर में हुए रहस्यमयी बीमारी के मामले में 95 छात्राओं के बीमार होने की खबर से हड़कंप मच गया है। इस बीमारी के बारे में अब तक कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है, और स्वास्थ्य विभाग ने इसकी वजह का पता लगाने के लिए प्रभावित छात्रों के ब्लड सैंपल का टेस्ट कराने का आलंब लिया है। अब तक की पूरी जांच में कोई पैथोजेन (रोग के कारण) की पुष्टि नहीं हुई है।
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यह मामला केन्या में बहुत ही अद्भुत है, क्योंकि इस बीमारी के बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं है। छात्राओं के खून और पेशान के नमूने को लैब में जांच के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई निश्चित नतीजा नहीं मिला है।
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कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण ‘सामूहिक उन्माद’ (Mass Hysteria) हो सकता है, जिसमें एक समूह के लोग एक समय पर ऐसे लक्षण दिखाते हैं जो असली नहीं होते। इसके बावजूद, इसका अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चला है।
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कुछ अधिकारी भी इसे परीक्षा के डर का बहाना मान रहे हैं, लेकिन इस बारे में भी पुरी जानकारी नहीं है। कुछ छात्र परीक्षा के लिए तैयार नहीं हैं और उन्होंने इसके बहाने ये लक्षण दिखाए हैं, लेकिन अब तक इसका स्पष्ट निश्चय नहीं हुआ है कि इन लक्षणों के पीछे कोई असली बीमारी है या नहीं।
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इस समय, स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञों की तरफ से इस रहस्यमयी बीमारी की वजह की खोज जारी है, और छात्रों के बीमार होने के पीछे की सच्चाई को बजाया जा रहा है।