दीपिका पल्लीकल, जिनकी मां सुसान इट्टिचेरिया एक माना जाने वाले क्रिकेटर थीं, ने अपने करियर में स्क्वॉश को चुना और उन्होंने इसमें बेहद महत्वपूर्ण जगह बनाई है। दीपिका की मां ने 1970 के दशक में भारत के लिए 7 टेस्ट मैच खेले और उनका योगदान अद्वितीय रहा। दीपिका ने हालांकि इस परंपरागत खेल की बजाय स्क्वॉश का चयन किया और उन्होंने भारत को इस खेल में नंबर-1 प्लेयर बनने का गर्व महसूस किया।
दीपिका पल्लीकल ने अपने करियर में एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, और वर्ल्ड डबल्स चैंपियनशिप में कई मेडल जीते हैं, जिनमें 2 गोल्ड शामिल हैं। उन्हें 2012 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। उनकी मां ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद व्यापार में कदम रखा और एक ट्रैवल एजेंसी चलाई।
दीपिका का एक और महत्वपूर्ण क्षण था जब उन्होंने 2012 से 2015 तक नेशनल स्क्वॉश चैंपियनशिप का बायकॉट किया। उन्होंने इसमें पुरुष और महिला खिलाड़ियों के प्राइजमनी में अंतर के खिलाफ खड़ा होकर अपना दृढ विरोध जताया।
दीपिका पल्लीकल का नाता क्रिकेट से है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें इस खेल से नफरत हो गई थी। यहाँ तक कि उन्होंने क्रिकेट से नफरत की वजह से नेशनल स्क्वॉश चैंपियनशिप का बायकॉट किया था। हालांकि, उनका नफरत का मोड बदल गया और उन्होंने क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से शादी करके इस खेल से जुड़े हुए हैं।
दीपिका पल्लीकल की कहानी विशेष है और उनकी सफलता से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर किसी को अपनी पसंदीदा चीज में सफलता प्राप्त करनी है तो उसे अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ अपना मार्ग चुनना चाहिए।