कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश में संकट के बीच, नवजोत सिद्धू ने पार्टी को शुद्ध करने की सलाह दी। राज्यसभा चुनाव की हार से प्रदेश में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। भाजपा अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कमजोर सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है। कांग्रेस में आंतरिक उथल-पुथल के बीच, नवजोत सिद्धू ने पार्टी के विधायकों पर हमला किया, जो राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी।
सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस को उन नेताओं से मुक्ति मिलनी चाहिए जो व्यक्तिगत लाभ के प्रति ज्यादा महत्व देते हैं। उनके अनुसार, ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकालना आवश्यक है जो सामूहिक भलाई की बजाय व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं।
इसके साथ ही, पूर्व क्रिकेटर ने भी ऐसे लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक कार्रवाई की आवश्यकता को जताया, जो सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के इशारों पर अपने लाभ के लिए नाचते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से निकाल देना आवश्यक है, क्योंकि उनके कार्रवाई से पार्टी को नुकसान होता है।
सिद्धू की तीखी टिप्पणियों ने पार्टी के और कांग्रेसी नेताओं के बीच तनाव को और भी बढ़ा दिया है। उन्होंने पार्टी की मंजूरी के बिना पंजाब में रैलियां की हैं, जिससे कुछ पार्टी के नेता चिंतित हैं। इसके साथ ही, उनकी टिप्पणियों ने पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ भी टकराव को बढ़ावा दिया है।