इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी पर हाल ही में रूस से आए प्रैंक कॉल के जाल में फंस गई हैं। इसके चलते इटली के विपक्षी दलों ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आरोप लगाए हैं। रूसी प्रैंक कॉल करने वाले व्यक्तियों ने मस्खरे के रूप में व्यक्ति बनकर मेलोनी को धोखा दिया है। इसके बाद से ही इटली के राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर विपक्षी दल मेलोनी के खिलाफ उठे हुए हैं।

खबरों के अनुसार, रूसी प्रैंक कॉल करने वाले व्यक्तियों ने कहा कि वे अफ्रीकन राजनेता हैं और मेलोनी को फोन करके रूस से आए मुद्दों पर बातचीत करने के लिए कहा। इस प्रैंक कॉल में मेलोनी ने गंभीर विषयों पर बातचीत की, जिससे उन पर विपक्षी दलों का आरोप लगा है। प्रैंक कॉल करने वाले ने अपने आत्मपरिचय में बताया कि वह अफ्रीकन राजनेता हैं और उनकी पहचान रूसी हास्य कलाकारों वोवन और लेक्सस के रूप में हुई है। साथ ही बताया कि इस प्रैंक कॉल में फोन करने वाले अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष मौसा फाकी हैं।

इस मामले में इटली के प्रधानमंत्री कार्यालय ने धोखाधड़ी पर बयान जारी किया है और मेलोनी ने ‘खेद’ व्यक्त किया है। इस घटना के बाद से ही इटली के राजनीतिक दल मेलोनी के खिलाफ उठे हुए हैं और इस मामले की आलोचना कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे ने भी मेलोनी के इस मामले को बड़ी गलती बताया है और बताया कि मेलोनी ने यूक्रेन और रूस युद्ध पर सवाल खड़े किए हैं।

कोंटे ने कहा कि मेलोनी की इस कड़ी बातचीत से यूरोप में सुरक्षा स्थिति खतरे में है और बातचीत का रास्ता निकालना जरूरी है। इस प्रैंक कॉल के दौरान मेलोनी ने रूस से आए मुद्दों पर बातचीत की जो उन्हें और विपक्षी दल को भी चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल सकती हैं। इसके अलावा, वह यूरोपीय ऊर्जा सुरक्षा और यूरोपीय संघ में अवैध प्रवासन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करने का मौका मिला।
इस प्रैंक कॉल ने इटली में राजनीतिक गतिविधियों में उत्साह बढ़ा दिया है और मेलोनी को सुरक्षा और विदेश मामलों पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।