नीट (NEET) 2024 के परिणामों के बाद उठे विवाद और आरोपों ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही, फिजिक्सवाला के संस्थापक अलख पांडेय ने भी सबूत पेश कर आरोपों को और मजबूती दी है।
प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला के आरोप
नीट 2024 के परिणामों को लेकर उठे सवालों के बीच, प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा कि पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके परिणाम में भी धांधली हुई है। प्रियंका गांधी ने एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 नंबर मिलने पर गंभीर सवाल उठाए हैं और विभिन्न अनियमितताओं की बात कही है। उन्होंने कहा कि छात्रों और उनके माता-पिता की आवाज को अनसुना क्यों किया जा रहा है? छात्रों को नीट परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए और सरकार को इसकी जांच कराकर इन शिकायतों का निस्तारण करना चाहिए।
रणदीप सुरजेवाला ने भी एनटीए और सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि नीट परीक्षा के परिणाम को लेकर विवाद, गड़बड़ झाले की बातें खुलकर सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि 67 बच्चों ने नीट टॉप किया और सभी के 720 में से 720 नंबर कैसे आए? यह कैसे संभव हो सकता है? सुरजेवाला ने पिछले कुछ सालों के टॉपर्स के नंबरों का विवरण देते हुए कहा कि यह असंभव प्रतीत होता है क्योंकि नीट पेपर में निगेटिव मार्किंग भी होती है। उन्होंने कहा कि क्या ग्रेस मार्क के आधार पर नीट के टॉपर्स का चयन हो सकता है?
फिजिक्सवाला के सबूत
फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय ने भी नीट 2024 के परिणामों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए एक ओएमआर शीट का उदाहरण दिया और कहा कि इसमें सही अंक 368 थे, लेकिन एनटीए ने इसे 453 अंक दिए हैं। यानी 85 अंक का अंतर आया। इससे छात्र का रैंक लाखों आगे चला गया होगा और सामान्य छात्रों का रैंक पीछे चला गया होगा। पांडेय ने इस आधार पर सवाल उठाए कि न जाने कितने रिजल्ट्स में यह गलती हुई है, जिसके कारण इस बार कटऑफ इतनी ऊंची हो गई।
एनटीए का जवाब
एनटीए ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नीट (UG) – 2024 का आयोजन 5 मई को 571 शहरों (विदेश के 14 शहरों सहित) के 4750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए किया गया था। एनटीए ने बताया कि नीट कटऑफ स्कोर हर साल उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर तय किए जाते हैं। कटऑफ में बढ़ोतरी परीक्षा की कंपटेटिव नेचर और इस साल उम्मीदवारों के हायर परफॉरमेंस स्टैंडर्ड को दर्शाती है। एनटीए ने कहा कि योग्य उम्मीदवारों के कट-ऑफ और औसत अंक (720 में से) हर साल अलग-अलग होते हैं।
नीट 2024 के परिणामों को लेकर उठे विवाद ने देश भर में शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने जहां एनटीए और सरकार से सवाल पूछे हैं, वहीं फिजिक्सवाला के संस्थापक अलख पांडेय ने सबूत पेश कर इन आरोपों को और पुख्ता किया है। एनटीए ने अपने बचाव में जवाब दिया है, लेकिन छात्रों और उनके माता-पिता के मन में संदेह अभी भी बना हुआ है। इस मामले की निष्पक्ष जांच और पारदर्शी प्रक्रिया से ही छात्रों का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही, शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।