राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 5 मई, 2024 को आयोजित इस परीक्षा में करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। देशभर के 4,750 केंद्रों पर इस परीक्षा का आयोजन हुआ था। लेकिन अब इस परीक्षा को रद्द करने और पेपर लीक मामले की CBI से जांच कराने की मांग की जा रही है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर आज सुनवाई होनी है।
पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स विवाद
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_14T05_02_43_376Z.png)
NEET 2024 का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था। परिणाम आने के बाद कई उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों ने परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोप लगाए। इस वर्ष 67 छात्रों ने एक साथ टॉप किया है, जिनमें से सभी को 720 में से पूरे 720 अंक मिले हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है, जिसने संदेह को जन्म दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए उन 1,563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का आदेश दिया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित करने और उन उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उनके मूल स्कोरकार्ड (ग्रेस मार्क्स के बिना) पर विचार किया जाएगा।
याचिकाओं की प्रमुख मांगें
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_14T04_57_26_093Z-1024x576.png)
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में NEET 2024 परीक्षा को रद्द करने और पेपर लीक मामले की CBI जांच की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में कई खामियां हैं और इस पर न्यायिक जांच आवश्यक है। इसके अलावा, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने भी एक ट्रांसफर पिटीशन दाखिल की है, जिसमें देशभर में दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है।
छात्रों का प्रदर्शन और विरोध
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_14T04_59_16_848Z.png)
गुरुवार को दिल्ली से लेकर कोलकाता तक छात्रों ने NTA के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ हल्ला बोल रहे थे और परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स जैसी गड़बड़ियों के कारण परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं।
काउंसलिंग प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगी। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है। साथ ही, कोर्ट ने कहा है कि जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उनके मूल स्कोरकार्ड (ग्रेस मार्क्स के बिना) पर विचार किया जाएगा।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_14T05_00_17_450Z.png)
NEET 2024 की परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद ने शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज होने वाली सुनवाई से यह स्पष्ट होगा कि परीक्षा रद्द होगी या नहीं, और पेपर लीक मामले की CBI जांच कराई जाएगी या नहीं।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण होगा। शिक्षा जगत के विशेषज्ञों और छात्रों का मानना है कि न्यायालय का फैसला निष्पक्ष और त्वरित होना चाहिए, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे और शिक्षा प्रणाली में विश्वास बना रहे।
इस पूरे विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला छात्रों के हित में होगा और परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता को बनाए रखेगा।