राम मंदिर के निर्माण के बाद, बीजेपी की सरकार अब एक और महत्वपूर्ण मुद्दे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जो है “नागरिकता संशोधन कानून” (CAA)। CAA का मकसद अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देना है। इसका अर्थ है कि इन समुदायों के लोग अब भारतीय नागरिक बन सकते हैं।
CAA को संसद से पास किया जा चुका है, लेकिन यह अभी तक पूरे देश में लागू नहीं हुआ है। इसके लागू होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी भी समय अधिसूचना जारी कर सकता है। अब तक इसे केवल कुछ राज्यों में ही लागू किया गया है।
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CAA के लागू होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो सकती है। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है जिन्हें अपने देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है और जो भारत में आश्रय ढूंढ रहे हैं।
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गृह मंत्री अमित शाह ने भी CAA को लागू करने की योजना बताई है और उन्होंने इसे बुधवार से ही लागू किया जा सकता है। यह माना जा रहा है कि सरकार इसे जल्द ही पूरे देश में लागू करने की कोशिश करेगी।
CAA के विरोधियों का कहना है कि यह एक साजिश है और मुसलमानों के खिलाफ है। हालांकि सरकार का कहना है कि यह किसी की नागरिकता को छीनने का इरादा नहीं है, बल्कि यह केवल उन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए है जो अपने देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।