रूस में चार भारतीय छात्रों की दर्दनाक मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। यह हादसा सेंट पीटर्सबर्ग के पास वोलखोव नदी में हुआ, जहाँ चार भारतीय छात्रों की डूबने से मौत हो गई। इस दुखद घटना में दो लड़कियाँ और दो लड़के शामिल थे। सभी मृतक छात्र नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे।
हादसे का विवरण
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स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब एक भारतीय छात्रा वोलखोव नदी के किनारे से थोड़ी दूर चली गई और अचानक डूबने लगी। उसके साथ के चार अन्य साथी उसे बचाने की कोशिश में नदी में कूदे, लेकिन दुर्भाग्यवश तीन और छात्र भी डूब गए। स्थानीय लोगों ने एक लड़के को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जो कि इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचा छात्र है।
बचाव और सहायता
मास्को में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि वे चारों शवों को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। साथ ही, जिस छात्र की जान बचाई गई है, उसका उचित इलाज किया जा रहा है। सेंट पीटर्सबर्ग में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने भी अपने शोक संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि शोक-संतप्त परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
छात्रों का परिचय
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इन चारों छात्रों की उम्र 18 से 20 साल के बीच थी। ये सभी वेलिकी नोवगोरोद स्थित नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। इन छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की अचानक समाप्ति ने सभी को गहरा आघात पहुँचाया है।
भारतीय समुदाय और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
भारतीय समुदाय और अधिकारियों ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। रूस में भारतीय मिशन के अधिकारी पूरी तत्परता से इस मामले में जुटे हुए हैं ताकि मृतकों के शव जल्द से जल्द उनके परिजनों तक पहुँच सकें। भारतीय दूतावास ने भी शोक-संतप्त परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी, जिसमें छात्रों की जान चली गई। पुलिस और बचाव दल ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य किया और एक छात्र की जान बचाने में सफल रहे।
परिवारों के लिए मुश्किल समय
इस हादसे ने छात्रों के परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है। विदेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों के साथ ऐसी अप्रत्याशित घटना का सामना करना किसी भी परिवार के लिए बहुत कठिन होता है। परिवारजन अब केवल अपने बच्चों के शवों के जल्द से जल्द भारत वापस लाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया
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नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि यह हमारे संस्थान के लिए एक बड़ी क्षति है और हम इन छात्रों की याद में शोक संतप्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस दुखद घटना के बाद छात्रों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं और हरसंभव मदद का आश्वासन देते हैं।
हादसे से मिले सबक
यह दुखद हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। छात्रों को सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और जलाशयों के पास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं।
रूस में भारतीय छात्रों की इस दुखद मौत ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है। यह हादसा न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। भारतीय दूतावास और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि मृतकों के शव जल्द से जल्द उनके परिजनों तक पहुंचें और जीवित बचाए गए छात्र को उचित चिकित्सा सहायता मिले। हम आशा करते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।