बिहार के नालंदा में पुलिस ने एक रूसी नागरिक को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये रूसी नागरिक पिछले काफी समय से भारत में अवैध तरीके से रह रहा था। उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है।
वीजा में की छेड़छाड़

गिरफ्तार शख्स मूल रूप से रूस का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक, वह पिछले करीब 3 साल से भारत में बिना वीजा के रह रहा है। उसने यहां अपना नाम भी बदल लिया और फर्जी आधार कार्ड तक बनवा लिया। दरअसल, ये रूसी नागरिक 90 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर साल 2020 में भारत आया था। लेकिन वीजा एक्सपायर होने के बाद भी वो अपने देश नहीं लौटा बल्कि भारत में अवैध रूप से रह रहा था। इतना ही नहीं, उसने अपने वीजा की एक्सपाइरी डेट को 2021 से हटाकर 2024 बना दिया था।
मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार

इस रूसी नागरिक की पहचान अलेकजेंडर तमित्रि चेकों उर्फ आलोक बाबा के रूप में हुई है। अलेकजेंडर को पुलिस ने नालंदा में बने एक मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया है। रूसी नागरिक से बरामद फर्जी आधार कार्ड पर पश्चिम बंगाल का पता लिखा हुआ है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि, 29 जनवरी 2020 को अलेकजेंडर मलेशिया से भारत आया था। वह 21 जनवरी 2021 तक का ही वीजा लेकर भारत आया था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते उसे 30 सितंबर 2021 तक भारत में रहने की परमिशन मिल गई थी।
डाक्यूमेंट्स मांगने पर दी फोटॉपी
जानकारी के मुताबिक, वो 2 जून को बिहार के नालंदा में महाविहार स्थित मेडिटेशन सेंटर में 10 दिन की ट्रेनिंग लेने आया था। जब संस्थान ने ट्रेनिंग से पहले उससे डाक्यूमेंट्स मांगे तो उसने अपने पासपोर्ट और वीजा की फोटोकॉपी दे दी। इसके बाद संसथान ने पुलिस को इस बारे में जानकारी दी और फिर वह रूसी नागरिक गिरफ्तार हो गया।