बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ एक ऐसा नाम है जो अध्यात्मिक जगत में बहुत ही सम्मानित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आध्यात्मिक गुरु का पूर्व जीवन बहुत ही साधारण और सरकारी नौकरी से जुड़ा हुआ था? ‘भोले बाबा’ ने अध्यात्मिक जगत में आने से पहले पुलिस की नौकरी की थी और उनका निवास स्थान आगरा में हुआ करता था।
दो दशक पहले छोड़ी थी पुलिस की नौकरी
करीब दो दशक से अधिक समय पहले बाबा नारायण हरि ने पुलिस की नौकरी को त्याग कर आध्यात्म की ओर रुख किया था। उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन को समर्पित कर दिया और इस दौरान अपने अनुयायियों की एक बड़ी तादाद खड़ी कर दी। उनके अनुयायियों की श्रद्धा और भक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी महिलाएं उनके पुराने घर के सामने दंडवत प्रणाम करती हैं।
महिलाओं की श्रद्धा और भक्ति
बाबा नारायण हरि के घर में आजकल भले ही ताला लटका हुआ हो, लेकिन उनकी अनुयायी महिलाएं उस घर के चबूतरे की साफ-सफाई करती हैं और वहां दंडवत प्रणाम करती हैं। यह दृश्य बहुत ही मार्मिक और श्रद्धा से भरा होता है। यह साबित करता है कि बाबा का प्रभाव आज भी उनके अनुयायियों के दिलों में जीवित है।
सत्संग में हुई भगदड़
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मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में भगदड़ मच गई, जिसमें 116 लोगों की जान चली गई। इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। घटना के बाद घायल 28 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस हृदयविदारक घटना में बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग कार्यक्रम में दूर-दूर से श्रद्धालु आए थे।
बाबा के अनुयायी देश के कई जिलों में फैले
बाबा नारायण हरि के अनुयायी सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं हैं। उनके अनुयायी देश के कई जिलों में फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश के एटा, हाथरस, आगरा, संभल, ललितपुर, अलीगढ़, बदायूं, कासगंज, मथुरा, औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों के लोग भी उनके सत्संग में शामिल थे।
बाबा के प्रभाव की गहराई
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बाबा नारायण हरि का प्रभाव इतना गहरा है कि उनके अनुयायियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। वे लोग आज भी बाबा के उपदेशों का पालन करते हैं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं। उनके अनुयायियों के बीच बाबा की छवि एक मार्गदर्शक, गुरु और संरक्षक के रूप में बनी हुई है।
भोले बाबा का अध्यात्मिक जीवन
बाबा नारायण हरि ने अपने जीवन को पूरी तरह से आध्यात्मिकता को समर्पित कर दिया था। उन्होंने लोगों को जीवन के उच्चतम सत्य को समझने और उसका पालन करने का मार्ग दिखाया। उनके सत्संग और प्रवचन लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते थे और उन्हें एक नई दिशा प्रदान करते थे।
महिलाओं का बाबा के प्रति आदर
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महिलाओं का बाबा के प्रति आदर और भक्ति का यह स्वरूप बहुत ही अनोखा और अनुकरणीय है। वे आज भी बाबा के घर के सामने दंडवत प्रणाम करती हैं और उनके घर की साफ-सफाई करती हैं। यह उनकी भक्ति और श्रद्धा का प्रमाण है जो बाबा के प्रति उनके अनन्त प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
आध्यात्मिक गुरु का प्रभाव
बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ का प्रभाव उनके अनुयायियों के जीवन में बहुत ही गहरा और स्थायी है। वे लोगों के जीवन में आशा और प्रेरणा का स्रोत बने रहे हैं। उनके उपदेश और प्रवचन आज भी लोगों के जीवन में मार्गदर्शन का काम करते हैं।
बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ का जीवन और उनका आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें यह सिखाता है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन एक साधारण शुरुआत से एक महान उद्देश्य की ओर बढ़ सकता है। उनके अनुयायियों का उनके प्रति अटूट विश्वास और भक्ति आज भी जीवित है, जो बाबा के जीवन और उनके उपदेशों की महानता को दर्शाता है।