पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना शुरू हो गई है और शुरुआती रुझानों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की बढ़त नजर आ रही है। 2019 के चुनावों में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से TMC ने 22 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 18 सीटें और कांग्रेस ने 2 सीटें हासिल की थीं। इस बार के एग्जिट पोल में भाजपा को कुछ सीटों पर बढ़त का अनुमान था, लेकिन शुरुआती रुझानों में TMC की मजबूती दिखाई दे रही है।
आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा पीछे
आसनसोल सीट से शत्रुघ्न सिन्हा पीछे चल रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा, जो भाजपा छोड़कर TMC में शामिल हुए थे, को इस बार चुनावी मैदान में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। आसनसोल की सीट पर TMC और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर है, लेकिन शुरुआती रुझान बताते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा को यहां मुश्किल हो सकती है।
प्रमुख सीटें और उम्मीदवार
डायमंड हार्बर
डायमंड हार्बर सीट से ममता बनर्जी के भतीजे और TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी उम्मीदवार हैं। यह सीट 2009 से तृणमूल कांग्रेस के पास है और 2014 से अभिषेक बनर्जी इस सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं। इस बार भाजपा ने बॉबी कुमार दास को उनके खिलाफ उतारा है। शुरुआती रुझान बताते हैं कि अभिषेक बनर्जी अपनी पकड़ बनाए हुए हैं।
कोलकाता दक्षिण
कोलकाता दक्षिण लोकसभा सीट पर पिछले 25 साल से TMC का कब्जा है। वर्तमान में यहां माला रॉय सांसद हैं, जिन्हें पार्टी ने दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने इस सीट से देबाश्री चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। शुरुआती रुझानों में माला रॉय आगे चल रही हैं।
एग्जिट पोल और चुनावी अनुमान
1 जून को आए एग्जिट पोल के आंकड़ों ने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया था। न्यूज24 टुडेज चाणक्या के लोकसभा एनालिसिस के अनुसार, भाजपा को 24±5 सीटें, कांग्रेस को 1±1 और TMC को 17±5 सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि TMC अपने प्रभाव को कायम रखे हुए है और भाजपा को कुछ सीटों पर झटका लग सकता है।
ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली TMC की सरकार
फिलहाल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली TMC की सरकार है। बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं, और ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी हैं। उनके नेतृत्व में TMC ने विधानसभा चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और अब लोकसभा चुनावों में भी उनकी पार्टी अच्छी स्थिति में नजर आ रही है।
संदेशखाली का मामला
संदेशखाली का मामला भी चुनावी नतीजों पर प्रभाव डाल सकता है। संदेशखाली में हाल ही में हुई हिंसा और राजनीतिक तनाव ने मतदाताओं के मूड पर असर डाला है। इसका असर चुनाव परिणामों पर कैसे पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
राजनीतिक विश्लेषण
पश्चिम बंगाल की राजनीति हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण और रोमांचक रही है। ममता बनर्जी की TMC ने राज्य में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है, जबकि भाजपा ने भी पिछले चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा को उम्मीद थी कि वे और अधिक सीटें जीत सकेंगे, लेकिन शुरुआती रुझान बताते हैं कि TMC ने अभी भी अपनी लोकप्रियता बरकरार रखी है।
पश्चिम बंगाल के चुनावी परिणाम आने में अभी समय है, लेकिन शुरुआती रुझानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि TMC इस बार भी मजबूत स्थिति में है। भाजपा और कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली TMC के लिए यह चुनावी जीत बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे न केवल राज्य में उनकी पकड़ मजबूत होगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। वहीं, भाजपा को अगर अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो उन्हें अपनी रणनीतियों में बदलाव करना होगा।
आखिरकार, सभी की निगाहें अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि बंगाल की राजनीति का भविष्य कैसा होगा। चुनावी नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि दीदी का जादू बरकरार रहेगा या भाजपा कुछ कमाल करेगी।