भगवान प्रेम के भूखे हैं. उनका अभिषेक कई तरह से होता है. जैसे भगवान शिवजी का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक होता है. उसी तरह कुछ मंदिरों का निर्माण इस तरह कराया जाता है कि किसी निश्चित तिथि/दिन या रोजाना सूर्य की पहली किरण वहां स्थापित विग्रह पर सबसे पहले पड़े. ऐसा ही इंतजाम राम मंदिर आयोध्या के लिए हुआ है.
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सूर्य की प्रथम किरण से मंदिर का अभिषेक होना बेहद ही शुभ माना जाता है. हमारे सनातन धर्म में भगवान सूर्य को ऊर्जा का स्त्रोत एवं ग्रहों का राजा माना जाता है. ऐसे में जब देवता अपनी प्रथम किरण से भगवान का अभिषेक करते हैं तो उस प्रार्थना में और देवत्व का भाव जागृत हो जाता है.
इस परिकल्पना को सूर्य किरण अभिषेक के नाम से लोग जानते है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भी सूर्य की किरणों से प्रभु का सूर्य किरण अभिषेक कराने की जो परिकल्पना की गई थी उसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. कैसे संभव हुआ ये संकल्प और आगे कैसे होगी सूर्य किरण से भगवान श्री राम का अभिषेक आइए बताते हैं..सूर्य किरण अभिषेक एक ऐसा रूप है जिसमें भगवान को सूर्य की पहली किरणों से अभिषेक किया जाता है।
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इस प्रक्रिया का उद्देश्य भगवान के सामर्थ्य और ऊर्जा की प्रशंसा करना है। इस तरह का अभिषेक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में होता है और यह एक श्रद्धालु प्रक्रिया है जो आध्यात्मिक और धार्मिक सांस्कृतिकता को महत्वपूर्णता देती है।
राम मंदिर के निर्माण समिति ने भगवान राम के मंदिर में सूर्य किरण अभिषेक का आयोजन किया है, जिसमें भगवान को सूर्य की किरणों से स्पर्श कराने का संकल्प किया गया है। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य है भगवान के प्रति भक्ति और आस्था को बढ़ावा देना, साथ ही वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करके इसे एक अद्भुत और आधुनिक सांस्कृतिक अनुभव बनाना है।
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मंदिर के शिखर का निर्माण वैज्ञानिक तकनीक से किया जा रहा है और हर साल रामनवमी के दिन सूरज की किरणें मंदिर में प्रवेश करेंगी ताकि भगवान राम का सूर्यकिरण अभिषेक हो सके। इसके लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के तकनीशियन और पुणे के एस्ट्रोनॉटिकल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस परियोजना को बढ़ावा देने के लिए अपील की थी।
भगवान राम के मंदिर में सूर्य की किरणों से प्रभु का सूर्यकिरण अभिषेक कराने की यह पहली प्रयास है और इससे एक नया धार्मिक और आधुनिक संबंध बनेगा। आस्था और विज्ञान का इस संगम में भगवान के सूर्याभिषेक को एक अद्वितीय और अद्भुत अनुभव में बदला जाएगा।