यूपी के बाराबंकी जिले के बुढ़वल जंक्शन में हुआ हैरतअंगेज घटनाक्रम जिसमें दो एक्सप्रेस ट्रेनों, सहरसा-नई दिल्ली विशेष किराया छठ पूजा स्पेशल (04021) और बरौनी-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस (15203), के साथ 2500 से अधिक यात्री फंसे गए। इस घटना के बाद घंटों तक चले रेलवे कर्मचारियों की मेहनत से स्थिति को शांत करने का प्रयास किया गया।
ड्राइवरों की ड्यूटी के खत्म होते ही ट्रेन फंसी
इस घटना के पीछे का कारण था एक ट्रेन के ड्राइवरों की ड्यूटी का समाप्त होना। एक ट्रेन के स्टाफ ने ड्यूटी की समाप्ति के बाद बिना सुचना दी, जिसके कारण यात्री फंस गए। इसके परिणामस्वरूप, दूसरी ट्रेन के लोको पायलट ने शरीर में बेचैनी का दावा किया, जिससे हड़ताल का माहौल बन गया।
यात्रीगण का प्रतिष्ठानपूर्ण प्रदर्शन
फंसे यात्रीगण ने ट्रेन के अंदर पानी, भोजन और बिजली की कमी के चलते विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एक्सप्रेस ट्रेन की आवाजाही को ब्लॉक करने के लिए रेलवे ट्रैक पर उतरकर नारेबाजी की, जिससे रेलवे कर्मचारियों को स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई हुई।
रेलवे की कठिनाई और उत्तर पूर्वी रेलवे की कदमेबाजी
इसके बाद उत्तर पूर्वी रेलवे ने गोंडा जंक्शन से अपने स्टाफ को भेजकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। रेलवे कर्मचारियों की मेहनत से दो एक्सप्रेस ट्रेनें शीघ्र ठीक हो गईं, लेकिन इस घटना ने यह बता दिया कि कई बार कर्मचारियों को ड्यूटी की समाप्ति के बाद भी यत्रा करने में कठिनाई हो सकती है।
ट्रेन की देरी से पहुंचाई गई थी गोरखपुर
ट्रेन संख्या 04021, जिसे 27 नवंबर की शाम 07:15 बजे प्रस्थान करना था, वह 28 नवंबर को सुबह 9:30 बजे अपने प्रारंभिक स्टेशन सहरसा से रवाना हुई थी। इसके परिणामस्वरूप, गोरखपुर पहुंचने में ट्रेन को 19 घंटे से भी अधिक का समय लगा। इसी बीच दूसरी ट्रेन, बरौनी, जो पहले से ही पांच घंटे 30 मिनट से अधिक देरी से चल रही थी, शाम 4:04 बजे बुढ़वल जंक्शन पहुंची, लेकिन उसमें भी ट्रेन के कर्मचारी लोकोमोटिव इंजन छोड़कर चले गए।