यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता किया है, जिससे चीन से लेकर अमेरिका तक में खलबली मची है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 5 दिवसीय यात्रा पर मास्को में हैं। इस दौरान भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता हुआ है, जिससे चीन से लेकर अमेरिका तक में खलबली मच गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस ने तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण से संबंधित ‘‘कुछ बहुत महत्वपूर्ण’’ समझौतों पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए।
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इस बैठक के दौरान परमाणु ऊर्जा और औषधि, फार्मास्युटिकल पदार्थ और चिकित्सीय उपकरणों पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत-रूस के बीच भुगतान समंबंधी दिक्कतें होंगी दूर और इस समझौते से दोनों देशों के बीच प्राचीन संबंधों में नई ऊर्जा आएगी। भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आजकल, जब उन्होंने रूस के नेतृत्व के साथ मुलाकात की, उन्होंने कुडनकुलम परमाणु परियोजना की भविष्य की इकाइयों से जुड़े कुछ बहुत महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारतीय समुदाय के योगदान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने रूसी उद्योग एवं व्यापार प्रदर्शनी का दौरा किया और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत भागीदारी का समर्थन किया।
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विदेश मंत्री जयशंकर और रूसी उप प्रधानमंत्री मंतुरोव के बीच हुए बैठक के बाद, भारत और रूस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे दोनों देशों के बीच के संबंध मजबूत होंगे। इस समझौते के माध्यम से भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों को नई ऊर्जा मिलेगी और दोनों देशों का एक-दूसरे के साथ और भी गहरा सहयोग होगा।