पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन आज के दिन भी रिहाई पर सस्पेंस बरकरार है। न्यायिक जानकारों के अनुसार, अगर कागजात में नाम सही होकर भी समय पर जेल प्रशासन को पेपर नहीं मिले तो रिहाई संभव नहीं हो सकती है।
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यूट्यूबर मनीष कश्यप, जिन्होंने तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ कथित हिंसा को लेकर एक वीडियो बनाया और उसे वायरल किया था, पिछले 9 महीनों से जेल के पीछे थे। शुक्रवार को उन्हें रिहा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन कागजात के नाम में गड़बड़ी होने के कारण रिहाई नहीं हो सकी थी।
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मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी तिवारी है, और जेल प्रशासन ने उनके नाम में हुई गड़बड़ी के कारण रिहाई को लेकर संशोधन के लिए कागजात वापस भेज दिए गए हैं।
आज के दिन भी रिहाई पर सस्पेंस बरकरार है, क्योंकि यदि समय पर जेल प्रशासन को सही कागजात नहीं मिले तो रिहाई होना मुश्किल है। यह इस वक्ती स्थिति में सुनिश्चित करने के लिए हम सभी का ध्यान रख रहे हैं।
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मनीष कश्यप के फैंस और समर्थकों ने इस घड़ी में उनके साथ सोशल मीडिया पर जुटकर समर्थन व्यक्त किया है और उनकी रिहाई की कामना की है। हम सभी उनके लिए सकारात्मक भावनाओं के साथ प्रार्थना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आज उन्हें रिहा कर दिया जाएगा और वह अपनी शानदार यौवन की दिशा में आगे बढ़ सकें।