“उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक भाजपा नेता, कमल रावत, पर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप के बाद गिरफ्तार हो गया है। इस मामले में पुलिस ने कई धाराओं, जैसे कि आईपीसी की धारा 376, 504, 506, और पाॅक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। कमल रावत को चंपावत से देर रात पकड़ा गया था और उसे अब अदालत में पेश किया जाएगा।
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इस मामले में पीड़िता की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब उन्होंने मामला दर्ज करवाने के लिए थाने पहुंचा, तो पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। उन्हें घंटों तक कोतवाली में बैठाया गया और उन्हें मीडिया के साथ मिलने भी नहीं दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद पूर्व भाजपा नेता को गिरफ्तार किया और उसे आज अदालत में पेश किया जाएगा।
कांग्रेस ने इस मामले का तिमाही शिकंजा बनाते हुए उत्तराखंड सरकार के खिलाफ आपत्ति जताई है। चंपावत जिले के सीएम पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र में यह मामला हुआ है और भाजपा ने प्रतिबद्धि दिखाते हुए रावत को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
इस मामले में जानकारी देने वाले जांच अधिकारी योगेश उपाध्याय ने बताया कि कमल रावत को नाबालिग लड़की से रेप के आरोप हैं और उस पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट के तहत भी कदम उठाया है।
इस घड़ईयाल मामले के बाद, राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ गया है और यह स्थिति उत्तराखंड के राजनीतिक संस्कृति में
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एक और काले पन्ने को चिह्नित कर रही है। कांग्रेस ने इसका बहिष्कार करते हुए सरकार को जवाब देने की मांग की है और भाजपा ने अपने पूर्व सदस्य को तत्काल निष्कासित किया है।
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यह मामला एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है और सामाजिक सड़क पर बढ़ते दुष्कर्म के मामलों को लेकर जनसमर्थन में गिरावट का सामना कर रहा है। इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया तेजी से चल रही है और इसके परिणाम से समाज की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।
इस घड़ीयाल मामले ने राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी को बढ़ा दिया है और सभी तारीकी आदान-प्रदान को ध्यान में रखते हुए यहाँ तक कह सकते हैं कि इससे उत्तराखंड की राजनीतिक स्थिति में कई बदलाव हो सकते हैं।”