गाजा के बाद इजरायल की नजर अब दक्षिणी राफा पर है, और इस संबंध में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कुछ महत्वपूर्ण बयानात किए हैं। उनके इस बयान का महत्वपूर्ण मायने हैं, विशेषकर इस समय में जब इजरायल और हमास के बीच तनाव के बाद संघर्ष विराम की चर्चाएं चल रही हैं।
नेतन्याहू ने इजरायल के राष्ट्रपति इजरायली नागरिकों की सुरक्षा की गरंटी के बिना दक्षिणी राफा पर हमले करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इजरायल के सभी लक्ष्यों को हासिल करने तक युद्ध जारी रहेगा, चाहे कोई समझौता हो या न हो। यह बयान इजरायल की सख्त नीति को दर्शाता है कि वह अपने सुरक्षा के मुद्दों पर किसी भी कीमत पर विचारने को तैयार नहीं है।
बीबीसी के मुताबिक, नेतन्याहू ने बंधकों के रिश्तेदारों के साथ एक बैठक में कहा कि वे चाहे डील हो या न हो, लेकिन इजरायल आक्रमण करेगा। यह बयान उनकी सख्त और अविचलित नीति को दर्शाता है कि वह अपने सुरक्षा को लेकर किसी भी हाल में कोम्प्रमाइज पर तैयार नहीं है।
इसके अलावा, नेतन्याहू ने अमेरिका की ओर से राफा हमले के खिलाफ नई चेतावनियों के बाद बाइडेन के साथ फोन कॉल में बातचीत की। अमेरिका ने राफा पर हमले को ‘रेड लाइन’ बताया है और नेतन्याहू के साथ चर्चा में यह चेतावनी दी गई कि इस लाइन को पार करने पर भारी प्रतिक्रिया होगी।
दक्षिणी राफा में हालात गंभीर हैं, और वहां की जनसंख्या में से अधिकांश लोग अन्य क्षेत्रों में भाग गए हैं। इस संबंध में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि राफा पर हमला ‘फिलिस्तीनी लोगों के इतिहास में सबसे बड़ी तबाही’ होगी।
इजरायली विदेश मंत्री इजरायल काट्ज़ ने पहले भी कहा था कि अगर कोई समझौता होता है, तो वे राफा पर हमले को सस्पेंड कर देंगे। यह बयान भी इजरायल की सख्त नीति को दर्शाता है कि वह अपने सुरक्षा को लेकर किसी भी हाल में कोम्प्रमाइज पर तैयार नहीं है।
इस समय, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की चर्चाएं चल रही हैं, और इस बयान से इजरायल की नीति को समझना महत्वपूर्ण है। नेतन्याहू की सख्त नीति दिखाती है कि वह अपने सुरक्षा को लेकर किसी भी हाल में कोम्प्रमाइज पर तैयार नहीं है और वह अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हर संभाव माध्यम का उपयोग करेगा। इस संबंध में आगे आने वाले समय में और नई घटनाएं आ सकती हैं, जो स्थिति को और अधिक जटिल बना सकती हैं।