बिहार की राजनीति में हमेशा से ही उथल-पुथल रही है और इसमें प्रमुख भूमिका निभाने वाले नेताओं में से एक हैं तेजस्वी यादव। उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के राजनीति के पाठों को आत्मसात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को नई दिशा देने की कोशिश की है। हाल ही में, लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद, तेजस्वी यादव ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ की छवि से पार पाने के लिए कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं।
सोशल मीडिया पर हमलावर रणनीति
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तेजस्वी यादव इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वे डबल इंजन की सरकार कहकर नीतीश कुमार की जदयू और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों की आलोचना कर रहे हैं। तेजस्वी का यह कदम स्पष्ट रूप से उनकी नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे नीतीश कुमार के ‘सुशासन बाबू’ की छवि को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन
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लोकसभा चुनाव में राजद को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के तहत 250 से अधिक सभाएं कीं, लेकिन फिर भी महज चार सीटें ही जीत सके। इसके विपरीत, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 12 सीटें जीतकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भाजपा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए पहले ही स्वीकार कर लिया। इस स्थिति ने तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए और उन्हें अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।
भ्रष्टाचार और ‘जंगलराज’ के आरोप
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एनडीए के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान लालू यादव के शासनकाल के ‘जंगलराज’ की याद दिलाई और इसका लाभ एनडीए को मिला। राजद के नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया। तेजस्वी यादव को यह समझ में आ गया कि अगर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त करनी है, तो उन्हें इन आरोपों से पार पाना होगा और अपनी पार्टी की छवि को सुधारना होगा।
नई रणनीति: कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाना
तेजस्वी यादव ने अपनी नई रणनीति में कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाया है। वे लगातार राज्य के लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है। वे इसे ‘सुशासन’ के विपरीत सिद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य के लोगों को सचेत और सावधान कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव की योजनाएँ
बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार का मानना है कि राजद के नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। तेजस्वी यादव ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे को उठाकर नीतीश कुमार की छवि को चुनौती देने का फैसला किया है। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि नीतीश कुमार का ‘सुशासन’ केवल एक मिथक है और वास्तविकता में राज्य की स्थिति काफी खराब है।
तेजस्वी की अगली चाल
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तेजस्वी यादव की अगली चाल में संभावित रूप से राज्य भर में जनसभाएं करना और स्थानीय मुद्दों को उठाना शामिल होगा। वे जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और उनके समाधान के लिए अपनी पार्टी की योजनाएँ प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही, वे सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग करते हुए अपने संदेश को व्यापक रूप से फैलाने की कोशिश करेंगे।
तेजस्वी यादव की नई रणनीति नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ की छवि को चुनौती देने और राजद की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी इस नई रणनीति को कितना सफलतापूर्वक लागू कर पाते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ता है। बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव की यह नई चाल निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है और इसका असर भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।