अमेरिका के इंडियाना राज्य में स्थित प्रतिष्ठित पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के एक भारतीय छात्र, नील आचार्य, की लापता होने की खबर से भारत में शोक की लहर छाई है। उनकी मौत की पुष्टि हो गई है और उनका शव पर्ड्यू के कैंपस में मिला है।
नील की मां, गौरी आचार्य, ने सोमवार को सोशल मीडिया में उनके लापता होने की सूचना दी और लोगों से मदद करने की अपील की थी। उन्होंने इस घड़ी में कई लोगों से सहानुभूति की उम्मीद की है।
प्रतिष्ठित पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के परिसर में नील का शव मिलने के बाद तत्काल टिप्पेकेनो काउंटी कोरोनर कार्यालय को इसकी जानकारी दी गई है।
कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के अंतरिम प्रमुख, क्रिस क्लिफ्टन, ने एक ईमेल में कहा, ‘हमारे छात्र नील का निधन हो गया है, और हम उनके जाने से गहरे दुखी हैं।’ क्लिफ्टन ने बताया कि नील शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली छात्र था और उसने कंप्यूटर साइंस और डेटा साइंस में डिग्री हासिल की थी।
मौत के कारण अभी साफ नहीं है और इसे जांच ने के लिए शुरूआती रूप से कदम उठाए जा रहे हैं। नील की माता, गौरी आचार्य, ने सोशल मीडिया पर उनकी लापता होने की खबर को साझा करते हुए लोगों से उनकी मदद की अपील की है।
इसी समय, अमेरिका में एक और भारतीय छात्र, विवेक सैनी, की बेहद दुखद हत्या की खबर आ रही है, जिसमें उन्हें हथौड़े से बेहद बेरहमी से मार दिया गया। शिकागो में हुई इस हत्या के पीछे एक बेघर नशेड़ी का हाथ होने का संदेह है।
भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस दुखद घड़ी में विवेक सैनी के परिवार और नील आचार्य के परिवार के साथ संवेदना जताई है और सभी संबंधित तंत्रों को सहायता करने का आश्वासन दिया है।
इस परिस्थिति में सभी छात्र-छात्राएं, उनके समर्थन में एकजुट होकर, इस दुखद घड़ी में सहानुभूति और समर्थन व्यक्त करते हैं ताकि परिवारों को साहस मिले और इस कठिन समय में वे आत्मविश्वास बनाए रख सकें।