ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जिनकी मूल भूमि भारत है, भारतीय यात्रा पर निकले हैं। इस मौके पर ब्रिटिश मीडिया ने भारतीय स्थल ‘हुमायूं का मकबरा’ को ‘हिंदुओं का आध्यात्मिक स्थल’ कह दिया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।
संडे टाइम्स नामक ब्रिटिश अखबार ने एक रिपोर्ट में लिखा हैं
संडे टाइम्स नामक ब्रिटिश अखबार ने एक रिपोर्ट में लिखा, ‘उम्मीद है कि भारत यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदुओं के आध्यात्मिक स्थल हुमायूं का मकबरा जाएंगे।’ इस लेख के बाद भारतीय सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और लोगों ने इस को गलत और असार के रूप में कटाक्षित किया। वे पूछ रहे हैं कि कैसे एक मुस्लिम शासक के मकबरे को हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक स्थल कहा जा सकता है। सोशल मीडिया पर उपयुक्त प्रतिक्रिया आई है और लोगों ने इस लेख को गलत और अफवाहों का हिस्सा माना है।
जी-20 सम्मेलन के मौके पर भारत की मेजबानी
यह घटना दिखाती है कि मीडिया को सावधानी और जिम्मेदारी से समाचार और जानकारी प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि ऐसे गलतफहमियों से बचा जा सके। इस विवाद के बावजूद, 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित हो रहे जी-20 सम्मेलन के मौके पर भारत जी-20 की मेजबानी कर रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के नेता भाग लेंगे। इसमें ब्रिटेन, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत अन्य देश शामिल हैं।
जी-20 सम्मेलन का महत्व
यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और सहयोग करने का मौका प्रदान करता है, जिसमें विभिन्न देशों के नेता एक साथ आते हैं। इस अवसर पर अन्य देशों के नेताओं के साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी मौजूद होंगे। इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न देशों के नेता विश्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देंगे।
जी-20 सम्मेलन: वैश्विक नेताओं की एकता
इसके अलावा, यह एक महत्वपूर्ण मौका है कि विभिन्न देशों के नेता एक साथ आकर अपने राज्यों के बीच और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करें। इस घड़़ी में, ब्रिटिश मीडिया के लेख के साथ ही सोशल मीडिया पर हुए रिएक्शन ने दिखाया कि विश्व के नेताओं की क्रियाओं पर सार्वजनिक ध्यान और सवाल बना रहता है| आखिरकार, इस विवाद के बावजूद, जी-20 सम्मेलन का महत्वपूर्ण होने के कारण यह एक महत्वपूर्ण और गंभीर मौजूदा घटना है जिससे वैश्विक राजनीतिक मामलों को बढ़ावा मिलता है।