कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर हुई छापेमारी में इतना कैश मिला है कि नोट गिनने वाली मशीनें भी उन्हें गिनते-गिनते खराब हो गईं। इसमें इतनी बड़ी रकम को देखते हुए आयकर विभाग की टीमें कई मशीनों का इस्तेमाल कर रही थीं और गिनती में इतनी भरपूर रकम को देखकर वे भी हैरान हो गईं।
धीरज साहू के पास कई ठिकाने हैं और इनमें कांग्रेस सांसद का बिजनेस कारोबार शामिल है। उनकी कंपनी बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड का कारोबार झारखंड, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इसके ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने करीब 220 करोड़ से ज्यादा कैश को जब्त किया है।
छापेमारी के दौरान इतनी बड़ी रकम को देखकर आयकर विभाग की टीमें हैरान हो गईं, और इसे गिनने के लिए मशीनों की जरूरत पड़ी। आयकर विभाग के कर्मचारी और बैंककर्मियों ने मिलकर इस बड़े मामले की जांच में काम किया है।
धीरज साहू का परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है, और उनका राजनीतिक करियर भी कांग्रेस में है। वे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं और अपने बिजनेस और राजनीतिक करियर के कारण मशहूर हैं। इसमें उनके बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड की कंपनी का योगदान भी है, जो उनके परिवार का हिस्सा है।
इस बड़े मामले में आयकर विभाग ने राज्यों झारखंड, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल में धीरज साहू के कई ठिकानों पर छापेमारी की है, और इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक उनके बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर हुई है।
इस घड़ी में नोटों की गिनती का काम जारी है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक ये नोटें सभी मशीनों से गिने जाते हैं। छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने कई ठिकानों की बौध डिस्टलरी के खातों को भी फ्रीज कर दिया है, ताकि उससे कोई लेन-देन नहीं हो सके।
धीरज साहू का परिवार कांग्रेस के बूटे टिका हुआ है, और उनके राजनीतिक और व्यापारिक करियर का असर इस छापेमारी में दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही आयकर विभाग ने प्रवर्तन निदेशालय को भी इस मामले की छानबीन करने का आदेश दिया है, जिससे इस मामले में और भी विवेचना हो सकती है।