तापस रॉय के बीजेपी में शामिल होने के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तापस रॉय के बीजेपी में शामिल होने से साफ़ है कि बीजेपी कैसे अपनी राजनीतिक दलील और अधिकार को मजबूत करने के लिए ईडी का दबाव बनाती है। तापस रॉय के बीजेपी में शामिल होने के पीछे एक पूर्वाग्रह का अनुमान है, जिसमें उन्हें ईडी के दबाव के तहत शामिल होने की चालू बात कहा जाता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, “ऊपर वाले के यहां देर है, अंधेर नहीं। ED और मोदी सरकार की ये सच्चाई है। कैसे लोगों को ED से परेशान करवा के BJP में शामिल किया जाता है।” इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के संग जुड़ने की आलोचना की और कहा, “जो बीजेपी जाने से मना कर देते हैं, उन्हें जेल भेज देते हैं। आज भी अगर सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह अगर BJP में शामिल हो जाएं तो उन्हें बेल कल ही मिल जाएगी।” इस ट्वीट से यह साफ होता है कि केजरीवाल ने तापस रॉय के BJP में शामिल होने की घटना को सीधे रूप से ED और मोदी सरकार के दबाव के तहत देखा है।
तापस रॉय ने पूर्व में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था और बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया था। इसके पीछे कई कारण हैं, जिसमें उनकी तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में नाराजगी और पार्टी की दिशानिर्देशों के साथ असंतुष्टि है। उन्हें पार्टी के प्रमुख ममता बनर्जी पर भी आलोचना की गई थी, और वे बुरे समय में साथ छोड़ने का आरोप लगा रहे थे। इस स्थिति में, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया, जो केजरीवाल के अनुसार ईडी के दबाव के तहत हो सकता है।
यह संदेश भी दिखाता है कि केजरीवाल ने इस घटना को बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव से जुड़े राजनीतिक संग्राम के रूप में देखा है। उन्हें ईडी के दबाव के तहत बीजेपी में शामिल होने का आरोप लगा रहा है, जो एक नई राजनीतिक बहस का मद्दा बन सकता है। इसके अलावा, उनका उल्लेख यहां तक कि अगर दिल्ली के मंत्री भी बीजेपी में शामिल हो जाएंगे तो उन्हें भी ईडी के दबाव का सामना करना पड़ सकता है, दर्शाता है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने की संभावना को लेकर खुद केजरीवाल भी गंभीरता से ले रहे हैं।