दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में होने वाले मिलने के बारे में चर्चा और उनके साथ रहने वाले लोगों की सूची को लेकर चर्चा गर्म हो रही है। इन 6 लोगों के साथ केजरीवाल की जेल में मुलाकात के लिए नाम दिए गए हैं, जिसमें उनकी पत्नी, बेटे, बेटी, एक दोस्त, और एक अगर दोस्त हैं। जेल में मिलने वाले लोगों की सूची में सुनीता केजरीवाल (पत्नी), पुलकित (बेटा), हर्षिता (बेटी), विभव कुमार (पीए), संदीप पाठक (दोस्त), और एक और दोस्त का नाम है।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/04/image_2024_04_02T06_30_40_177Z-2-1024x576.png)
इसके अलावा, अन्य राजनेताओं और लोगों के साथ जेल में मिलने के लिए अनुमति नहीं है। जेल में यह अजीब मिलना इसलिए भी चर्चा का विषय बन रहा है क्योंकि केजरीवाल के साथ कौन-कौन से लोग होंगे और कैसे उनके जीवन पर इसका प्रभाव पड़ेगा, इसे लेकर लोगों की उत्सुकता है।
अरविंद केजरीवाल की जेल में होने के बाद जो सवाल उठ रहा है, वह है कि वह किस-किस से मिल सकते हैं और उनके जीवन कैसे जीता जाएगा। इन 6 लोगों के साथ मिलने की अनुमति उन्हें मिल गई है, लेकिन जेल के नियमों के अनुसार उन्हें अधिकतम 10 लोगों का ही नाम देने की अनुमति है। जेल के नियमों के तहत वह अगर चाहें तो इन नामों में बदलाव भी कर सकते हैं। उन्होंने जेल में तीन किताबों को भी साथ रखने की अनुमति मांगी है, जिनमें रामायण, भगवद गीता, और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब “हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड” शामिल हैं।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/04/image_2024_04_02T06_30_54_327Z-1-1024x768.png)
केजरीवाल की जेल में इन लोगों के साथ मिलने के बाद उनके जीवन पर असर पड़ेगा। इस समय, जेल में बिताने वाले समय में उनके परिवार और दोस्तों का साथ उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह उनके मानसिक और आत्मिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।
इन लोगों के साथ मिलने के बाद केजरीवाल का जीवन कैसे बदलेगा, यह बहुत से लोगों के द्वारा देखा और जाना जाना चाहिए। उनकी जेल में बिताई गई समय उनके विचारों, नीतियों और कैसे उनके नेतृत्व में दिल्ली को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान, उनके साथी और परिवार के समर्थन का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/04/image_2024_04_02T06_31_12_764Z.png)
केजरीवाल के इन लोगों के साथ मिलने के बाद उनके जीवन में बदलाव के साथ ही, उनकी राजनीतिक दिशा को भी असर पड़ेगा। उनके जेल से बाहर आने के बाद उनके स्थानीय राजनीतिक समर्थकों और विरोधियों के समर्थन को भी प्रभावित किया जा सकता है। इसके अलावा, वे जेल में बिताए गए समय के अनुभव को भी अपनी नीतियों और कामकाज में शामिल कर सकते हैं।
केजरीवाल के इन लोगों के साथ मिलने के बाद, उनकी जेल में रहने की समय-सीमा का अनुमान लगाया जा सकता है। यह भी देखा जा सकता है कि वे जेल में रहने के दौरान कितनी आत्मविश्वासयुक्त और निष्ठावान रहते हैं। इस समय के बाद, उनके नेतृत्व में दिल्ली के विकास में कितना योगदान हो सकता है, यह देखने को मिलेगा।