सुकेश द्वारा लिखी गई चिट्ठी की बातों से साफ होता है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगा रहा है। इस चिट्ठी में सुकेश ने केजरीवाल को “बॉस” कहकर संदेश दिया है, जो कि एक तरह का इरोनिक संदेश हो सकता है। उन्होंने चिट्ठी में यह भी कहा है कि उन्हें खुशी है कि उनका जन्मदिन केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद है, और इसे वे अपना सबसे अच्छा जन्मदिन गिफ्ट मानते हैं। इससे साफ होता है कि सुकेश ने चाहा कि उनके गिरफ्तार होने का संदेश केजरीवाल को समझ में आए।

चिट्ठी में सुकेश ने अपने जन्मदिन के अवसर पर केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनका सबसे बेस्ट बर्थडे गिफ्ट माना है। यह बयान उनकी दुखभरी भावनाओं को दर्शाता है, जो उन्हें केजरीवाल के खिलाफ कड़े रूप से विरोध करने पर मजबूर करती हैं। उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के 10 मामलों के बारे में भी धमकी दी है, जिनमें वह गवाह भी बन सकते हैं। यह स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ उन्हें जमानत के साथ आगे बढ़ने की साहसिकता दिखाता है।
चिट्ठी में सुकेश ने कहा है कि केजरीवाल के खिलाफ घोटाले के सभी साक्ष्य उनके पास हैं और वह इसे बेनकाब करेंगे। इससे स्पष्ट होता है कि सुकेश के पास केजरीवाल के खिलाफ साक्ष्य या प्रमाण हैं, जो वह उजागर करने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि केजरीवाल का भ्रष्टाचार और उनके कार्यों की सजा उन्हें ईश्वर ने दी है, जिससे उन्हें जेल जाने का सजा मिला है।

इस चिट्ठी में सुकेश ने खुलकर केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने उन्हें महाठग और कनमैन घोषित किया है। इससे सुधार का संकेत मिलता है, और यह दिखाता है कि सुकेश के मन में केजरीवाल और उनके कार्यों के खिलाफ बहुत गहरी नाराजगी है।
सुकेश की चिट्ठी में एक और बात ध्यान देने योग्य है, वह अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में खुश है, जो केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद है। यह संदेश उसकी आत्मसमर्थन की भावना को दर्शाता है, और उसका इशारा भी करता है कि वह अपने काम के पीछे स्टैंड करता है।
इस चिट्ठी से सुधार की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि यह सुकेश के माध्यम से जनता को यह संदेश भेजती है कि किसी भी बड़े नेता को उनके कार्यों के लिए जवाबदेही लेनी चाहिए। इससे सुकेश ने लोकतंत्र की भावना को उजागर किया है और उसका समर्थन किया है।