इजराइल और ईरान के बीच हो रहे तनाव में एक और मोड़ आया है जब इजराइल ने ईरान पर हमला किया। यह तनाव दोनों देशों के बीच सदियों से चला आ रहा है और इसका कोई निरंतर समाधान नहीं नजर आ रहा है। इस हालत में इजराइल ने ईरान के इस्फहान एयरपोर्ट के आसपास एक बड़ा हमला किया है। इस्फहान एयरपोर्ट ईरान का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक स्थान है और इसके आसपास का इलाका भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस हमले से साफ है कि इजराइल अपने इरादे को मजबूती से दिखा रहा है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले की स्वीकृति की है और कहा है कि उनका देश तय करेगा कि उसे क्या करना है। इस तरह की स्वीकृति के बाद, इजराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया है। यह हमला ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाता है, जो कि बहुत ही गंभीर समस्या है।
इजराइल के हमले के बाद, ईरान ने अपने एयरस्पेस को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है और कई फ्लाइट्स को डाइवर्ट किया गया है। यह हमला ईरान को बड़े ही कठिनाई में डाल देता है और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए और भी ज़्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस्फहान एयरपोर्ट के पास होने वाले धमाकों की आवाज को सुनने के बाद, ईरान ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है, जो कि एक सावधानी का संकेत है। इससे साफ है कि ईरान भी अपने सुरक्षा के प्रति गंभीर है और वह खुद को इजराइल के हमलों से बचाने की कोशिश कर रहा है।
इजराइल और ईरान के बीच तनाव की स्थिति में और भी बढ़ावा आया है और दोनों देशों के बीच आज भी कोई समाधान नहीं निकला है। इस संघर्ष का कोई साधारण समाधान नहीं है और यह दोनों देशों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस संघर्ष के समाधान के लिए दोनों देशों को समय-समय पर वार्ता करना होगा और उन्हें सभी मामलों को शांति से सुलझाने के लिए योगदान करना होगा।