बिहार में सियासत में हलचल है, क्योंकि सीएम नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया है और अब सवाल है कि नई सरकार कैसे बनेगी। इस राजनीतिक उथल-पुथल में, हम विधानसभा के आंकड़े और विभिन्न दलों के संदर्भ में विस्तृत चर्चा करेंगे।
नीतीश कुमार का इस्तीफा:
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नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है, जिससे बिहार में राजनीतिक सीने में उथल-पुथल मच गई है। वह अब मुख्यमंत्री पद से हटेंगे और नई सरकार की रूपरेखा कैसे बनेगी, इस पर ध्यान केंद्रित करें।
विधानसभा के आंकड़े:
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बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और बहुमत की सीटें 122 हैं। इसमें कुछ छोटे दल भी शामिल हैं, जिनमें ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी शामिल है।
नीतीश कुमार के संपर्क में हैं कांग्रेस के 13 विधायक, जिनमें से 19 में से 13 विधायकों के फोन बंद हैं।JDU के बिना महागठबंधन के पास 115 विधायक रह जाएंगे, जिनमें RJD के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक शामिल हैं। अगर नीतीश NDA में चले जाते हैं तो उनके बाद कुल 128 विधायक हो जाएंगे, जिसमें BJP के 78, JDU के 45, HAM के 4 और नीर्दलीय एक विधायक हैं।
बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें आवश्यक हैं, जो महागठबंधन के पास हैं।
नई सरकार के लिए संभावनाएं:
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महागठबंधन की संभावना: राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टीज के बीच मिलजुलकर सरकार बनाने की संभावना है। इनके पास महागठबंधन की सीटें हैं जो बहुमत की ओर बढ़ सकती हैं। बीजेपी की चुनौती: बीजेपी को बहुमत के लिए और साथी दलों को मिलाकर सरकार बनाने के लिए अधिक सीटें चाहिए होंगी। अन्य दलों का समर्थन: ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और नीर्दलीय विधायक का समर्थन भी एक बड़ा कारक हो सकता है।
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच दूरी:
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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी की बढ़ रही है, और इसका सीधा प्रभाव राजभवन के कुछ घटनाओं में देखा जा रहा है।राजभवन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव के नाम की स्लिप को फाड़कर अशोक चौधरी ने उसी कुर्सी पर बैठ जाने का संकेत दिया, जिसपर नीतीश कुमार बैठे थे।
नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि तेजस्वी यादव क्यों नहीं आए, इसका जवाब तेजस्वी से ही पूछा जाए।
संगतता और राजनीतिक विवाद:
सीएम नीतीश कुमार की और तेजस्वी यादव की बीच दूरी, और कांग्रेस के विधायकों के फोन बंद होने से यह स्पष्ट हो रहा है कि संगतता में कमी हो रही है। राजभवन में हुए घटनाओं के माध्यम से बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच विवाद बढ़ा हुआ है और यह संगतता को खतरे में डाल सकता है।
इस तरह, बिहार में नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद के राजनीतिक माहौल को समझने के लिए विभिन्न संभावनाएं हैं, और इस प्रकार के संगतता और संघर्ष के बीच एक नई सरकार की रूपरेखा बनेगी।