आईटीसी कंपनी को एक मामले में 1 लाख रुपये का झटका लगा है, जिसका कारण एक बिस्किट के पैकेट में कमी होना था। इस मामले के बारे में जानकारी के मुताबिक, चेन्नई स्थित एक उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड को 16-बिस्किट “सन फीस्ट मैरी लाइट” पैक में एक बिस्किट कम पैक करने के लिए ₹1 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके पीछे का पूरा मामला क्या है, उसे जानने का प्रयास करते हैं।
मामले का आरंभ
दो साल पहले की घटना है, जब चेन्नई में एमएमडीए माथुर के पी दिलीबाबू ने अपने पालतू कुत्तों को खिलाने के लिए “सन फीस्ट मैरी लाइट” बिस्किट खरीदे थे। उन्हें बिस्किट के पैकेट में एक बिस्किट कम मिला, जिसने उन्हें चौंका दिया।
उपभोक्ता की शिकायत
1 (एक) पैकेट में 1 (एक) बिस्किट गायब होने पर FMCG प्रमुख आईटीसी को एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। चेन्नई स्थित एक उपभोक्ता मंच ने ITC लिमिटेड को 16-बिस्किट “सन फीस्ट मैरी लाइट” पैक में एक बिस्किट कम पैक करने के लिए ₹1 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया। पी दिलीबाबू ने स्थानीय स्टोर से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उसको ठीक जवाब नहीं मिला। उन्होंने इस पर ध्यान दिया और आईटीसी से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने ठीक से जवाब नहीं दिया।
बिस्किट की संख्या और वजन
कंपनी ने उत्पादन के दौरान दावा किया कि बिस्किट की कीमत उसके वजन के आधार पर होती है नहीं कि उनकी संख्या के आधार पर। जबकि पैकेट में बताया गया कुल वजन 76 ग्राम होता है, लेकिन उसमें केवल 74 ग्राम का वजन था,
समापन
इस मामले का आरंभ 2021 में हुआ था, जब चेन्नई के एमएमडीए माथुर के पी दिलीबाबू ने दिसंबर 2021 में आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए “सन फीस्ट मैरी लाइट” बिस्किट खरीदे थे। इस पैकेट में उन्हें एक बिस्किट कम देखने को मिला, जिसका मूल्य 75 पैसे था। और अदालत ने आईटीसी को अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए मुआवजे के रूप में दिल्ली बाबू को एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया। इस प्रकार, यह मामला आईटीसी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, जो उपभोक्ताओं के भरोसे को हलके में नहीं लेना चाहिए। उपभोक्ताओं के साथ इमानदारी से व्यवहार करना हर कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वह उनके साथ विश्वास बना सके और उनकी सेवाओं को बेहतर बना सके।