जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी जहानाबाद के हाजीसराय गांव पहुंचे थे। यहां उन्हें युवाओं का गहरा आक्रोश प्राप्त हुआ। वोट मांगने के लिए रविवार को उन्होंने अपने क्षेत्र में लोगों के बीच जनसभा बुलाई थी, लेकिन उस दौरान उन्हें युवाओं का आक्रोश झेलना पड़ा। वीडियो में उनका चेहरा और वोटर्स के सवाल देखकर जान पड़ता है कि कैसे उन्होंने अपने ही क्षेत्र के युवाओं के आक्रोश का सामना किया।
युवाओं की नाराजगी का कारण बिहार सरकार की डोमिसाइल नीति रही। युवा उन्हें यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्होंने उम्मीद की थी कि संसद में जाकर वे लोगों का मामला उठाएंगे और कोई कानून बनेगा, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। एक युवक ने यह भी कहा कि जेडीयू के लोग वोट मांगने के लिए युवा से बेकार आते हैं और कह दिया, “चले जाइए आप झारखंड, यूपी और मध्य प्रदेश, वहां वोट मांगिए।” यहां एक अन्य युवक ने उन्हें पूछा, “इतने दिन कहां थे?”

चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के विरोध में युवाओं का आक्रोश देखने को मिल रहा है और यह इसके लिए उन्हें कड़ी चेतावनी भी है। वीडियो में दिख रहा है कि वो अपने क्षेत्र के युवाओं के बीच बैठे हुए हैं, जिन्होंने अपने जज्बात प्रकट किए और सांसद को उनके कार्यकाल की आलोचना की।
जहानाबाद में लोकसभा चुनाव आखिरी चरण में होने वाला है। इस बार यहां की राजनीति बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा है। जहानाबाद के लोग इस बार भी अपनी आवाज को सुनाएंगे और अपने प्रतिनिधि का चयन करेंगे। इसी चरण में चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को विरोधी प्रतिस्पर्धा से गुजरना होगा, जिसे यह वीडियो भी दर्शाता है।
वीडियो में दिखाई गई युवाओं की आवाज और उनके सवाल सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के लिए एक सख्त चेतावनी है। यह उनके लिए एक संकेत है कि वे युवाओं के मुद्दों को सीरियसली लेने की आवश्यकता है और उन्हें अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।

वीडियो के वायरल होने से पहले भी अतरी और खिजरसराय के गांव से भी कई जगहों से सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के विरोध का वीडियो वायरल हो चुका है। इससे स्पष्ट होता है कि उनके क्षेत्र में उनके विरोधी उनकी प्रतिस्पर्धा को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं और यह चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण मुकाबला होने वाला है।
इस चुनाव में जहानाबाद के लोग अपने वोट को बहुत सोच-समझकर देंगे। इस घटना से यह साफ होता है कि युवाओं की आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उन्हें ध्यान में रखकर काम करना होगा।