किसानों के प्रदर्शन की वजह क्या है, इसके बारे में बात करने से पहले, हमें पिछले कुछ महीनों में क्या हुआ था यह देखना जरूरी है। अगर हम याद करें, तो हम देखेंगे कि 2020 में केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए थे, जिनका उद्देश्य था कि वे किसानों को बेहतर मौके प्रदान करें, उन्हें बाजार में अधिक स्वतंत्रता और नए विकल्प प्रदान करें।

हालांकि, इन कानूनों को लेकर कई किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्हें लगा कि ये कानून उनके हित में नहीं हैं। सबसे अधिक विवादित मुद्दा तो MSP (Minimum Support Price) का था, जिसके तहत सरकार किसानों को न्यूनतम मूल्य गारंटी प्रदान करती है। किसानों का दावा था कि नए कानून MSP को खत्म कर देंगे, जिससे उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलेगा।

केंद्र सरकार ने अंततः किसानों की मांगों को सुनते हुए इन कानूनों को वापस ले लिया, लेकिन किसानों के संगठनों का कहना है कि सिर्फ कानूनों को वापस लेने से मामला समाप्त नहीं हो गया है। उनके अनुसार, वे अब भी अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों की मुख्य मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी, पेंशन की सुविधा, फसल बीमा और कर्ज माफी शामिल हैं। उन्हें चाहिए कि जिन लोगों पर 2020 में प्रदर्शन के दौरान केस दर्ज किए गए थे, उनको रद्द कर दिया जाए।

इसके अलावा, किसानों का दावा है कि वे केंद्र सरकार द्वारा उनके साथ अन्याय किया गया है, और उन्हें उनके अधिकारों को प्राप्त करने के लिए अब भी सड़क पर उतरना होगा।

यहाँ तक कि किसानों के प्रदर्शन में कुछ सामाजिक तत्व भी शामिल हो सकते हैं, जिनका मानना है कि किसानों के मुद्दे उनके साथी लोगों के अधिकारों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
इस प्रकार, किसानों के प्रदर्शन की वजह बहुत सारी हैं, और इन्हें समझने के लिए हमें उनके मुद्दों को समझने की जरूरत है।