105 केंद्रों पर महापरीक्षा नालंदा में मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत आयोजन किया गया। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित जिले के इस महापरीक्षा में 11 हजार वैसी नवसाक्षर महिलाएं शामिल हो रही हैं जो बचपन में किसी न किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर सकी।
बिहारशरीफ के मध्य विद्यालय राणाबिगहा केंद्र पर इस महापरीक्षा में सास-बहू के अलावा एक परिवार की 4 बहू एक साथ परीक्षा देने पहुंचीं, जो अपनी आप में एक अनूठा था। बिहारशरीफ के कोसुत निवासी इंद्राणी देवी पति जमींदार मांझी की माँ यानि इंद्राणी देवी की सास पंभी देवी के साथ परीक्षा दी।
इंद्राणी देवी ने बताया कि बचपन में ही शादी हो गई थी इस कारण स्कूल नहीं जा सकी, जबकि सास पंभी देवी ने बताया कि घर में पोता-पोती को पढ़ते देख पढ़ने-लिखने का शौक जागा और गांव के शिक्षा सेवक मुन्ना मांझी का सहयोग मिला, और दोनों सास-बहू पढ़ने जानी लगे। पहले अंगूठा लगाते थे, आज उन्हीं के हाथ में कलम पकड़ कर बहुत अच्छा लग रहा है। दोनों आज अपना और पति का नाम लिख लेती हैं और बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ा भी लेती हैं। 55 साल बाद कलम पकड़कर और लोगों के बीच परीक्षा देना दोनों को अच्छा लगा।
इसी तरह तिउरी गांव की सुनैना देवी, रूबी देवी, बेबी देवी, और सुनीता देवी एक ही परिवार की बहू हैं, चारों को बचपन में स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। अब दूसरे को पढ़ता-लिखता देख पढ़ाई का इच्छा जगा और उम्र के झिझक को छोड़ आज साक्षर बनी हैं। केंद्र के वरीय प्रेरक भोला प्रसाद ने बताया कि शिक्षा सेवक मुन्ना प्रसाद संजय और सरस्वती कुमारी के प्रयास से आसपास की महिलाओं को साक्षर किया जाता है। इस केंद्र पर 60 नव साक्षर महिलाएं शामिल हुईं।