बिहार के जहानाबाद में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को हैरान कर दिया है। इस घटना में एक ऐसा अपराधी पकड़ा गया है, जिसे सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार चार साल पहले ही मर चुका माना गया था। आरोपी पप्पू शर्मा, जिसे अमिताभ रंजन के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने आप को मरा हुआ साबित करने के लिए फर्जी डेथ सर्टिफिकेट का सहारा लिया था। लेकिन, पुलिस की सक्रियता और गहन जांच के बाद पप्पू शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पप्पू शर्मा का आपराधिक इतिहास काफी विस्तृत और गंभीर है। 2011 से लेकर 2023 तक, वह कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पप्पू शर्मा ने पारस बिगहा थाना क्षेत्र में अधिकतर अपराध किए। इन अपराधों में हत्या, डकैती, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। पुलिस को पप्पू शर्मा के खिलाफ कई मामलों में सबूत मिले हैं, लेकिन फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के कारण उसकी गिरफ्तारी में कठिनाइयाँ आ रही थीं।
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट का मामला
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_08T03_27_31_136Z.png)
पप्पू शर्मा ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए चार साल पहले फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था। इस सर्टिफिकेट की मदद से उसने खुद को मृत घोषित कर दिया था और पुलिस को गुमराह करने में सफल रहा था। इस सर्टिफिकेट के कारण पुलिस को उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में मुश्किलें आईं। लेकिन, पुलिस ने उसकी चालाकी को अंततः पहचान लिया और उसे गिरफ्तार करने में सफल रही।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने पप्पू शर्मा को उसके घर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके घर से पिस्तौल, कारतूस और राइफल भी बरामद की। इसके अलावा, पुलिस को उसके घर से लाखों का सामान भी मिला है, जिसके बारे में पुलिस को शक है कि यह सामान ठगी के जरिए हासिल किया गया होगा। पुलिस ने इस मामले में कुल छह गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें पप्पू शर्मा के कुछ साथी और परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
झारखंड में भी मामले
पप्पू शर्मा के खिलाफ झारखंड में भी कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद इन मामलों में भी प्रगति होगी। फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के कारण झारखंड पुलिस भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाई थी। लेकिन अब, उसकी गिरफ्तारी के बाद, झारखंड पुलिस भी सक्रिय हो गई है और उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में जुट गई है।
एसपी का बयान
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/image_2024_06_08T03_27_22_484Z-1024x546.png)
जहानाबाद के एसपी अमरेंद्र प्रताप सिंह ने पप्पू शर्मा और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूरी कहानी बयां की। उन्होंने बताया कि पप्पू ने 2011 से लेकर 2023 तक कई कांड किए। इस दौरान अधिकतर मामले पारस बिगहा थाना क्षेत्र के हैं। आरोपी ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए चार साल पहले डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया था। अपराधिक कार्यों के अलावा पप्पू शर्मा ठगी का काम भी करता था। उसके फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के कारण पुलिस को उसके खिलाफ काम करने में भी परेशानी हो रही थी।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे कितनी भी चालाकी क्यों न करे, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। पप्पू शर्मा ने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन अंततः उसकी चालाकी का पर्दाफाश हो गया। पुलिस की सक्रियता और मेहनत के कारण एक खतरनाक अपराधी को गिरफ्तार किया जा सका है। इस घटना से यह भी पता चलता है कि पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और फर्जी दस्तावेजों की जांच में विशेष ध्यान देना चाहिए। पप्पू शर्मा की गिरफ्तारी से यह साबित हो गया है कि कानून की नजर से कोई भी बच नहीं सकता, चाहे वह कितनी भी चालाकी क्यों न करे।