नालंदा में ख़ाकी का खौफ़ सिर्फ़ आम लोगों पर दिखता है लेकिन अपराधियों के आगे मानों पुलिस घुटने टेक चुकी है. सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र में ऐसा कोई दिन नहीं जब हत्या, लूट, गोलीबारी और छिनतई की घटना नहीं होती है, लेकिन पुलिस नकेल कसने में असफल साबित हो रही है.
ताज़ा मामला नालंदा ज़िले में देर रात बेना थाना क्षेत्र के अरौत गांव में बदमाशों को गोली चलाने से मना करना गांव के ही अधेड़ दिलीप प्रसाद को महंगा पड़ गया. दरअसल! अरौत गांव में दूसरे गांव शहबाजपुर के कुछ युवक का झुंड अपना वर्चस्व जमाने को लेकर गोलीबारी कर रहे थे. गोलीबारी करते देख गांव के ही कृषक दिलीप प्रसाद ने इन युवकों को गोलीबारी करने से मना किया.
इसके बाद अगले दिन सुबह-सुबह दलान में बैठे कृषक को कुछ बदमाश युवकों के झुंड ने गोली मार दी. जिससे कृषक दिलीप गंभीर रूप से घायल हो गए. गोलियों की तड़-तड़ाहट को सुन गांव के लोग इधर-उधर भागने लगे. हालांकि गोलीबारी दोनों साइड से हुई जिससे युवकों के झुंड में श्रीनिवास कुमार को भी गोली लग गई,और वो भी जख्मी हो गया | इस गोलीबारी की घटना में दो लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं, घटना की जानकारी मिलने पर वेना थानाध्यक्ष संजय कुमार घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की और लावारिस अवस्था में दो बाइक भी जप्त किया है. घटना के पीछे आपसी वर्चस्व की बात सामने आ रही है…