बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां की राजनीति में कब, क्या हो जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यहाँ कभी भी कुछ भी बदल सकता है। इसमें जरा भी समय नहीं लगता है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2005 से अब तक बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमाए हुए हैं।
महीनेभर में दो बार अपने नेताओं से नीतीश ने की मुलाकात
नीतीश कुमार ने 9 अगस्त 2022 को बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया था। इसके बाद वह महागठबंधन में शामिल हो गए थे और आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद से नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकता को बरकरार रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। साथ ही उन्होंने पिछले एक महीने के अंदर दूसरी बार अपने विधायकों-एमएलसी और पूर्व सांसदों से मुलाक़ात भी की। रविवार को ही नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास में पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी से मुलाक़ात की। साथ ही नीतीश ने सभी विधायक, सांसद और पार्षद से मुलाकात कर सभी के क्षेत्रों में विकास का हाल जाना।
एक बार फिर NDA में शामिल हो सकते हैं नीतीश कुमार
एक ओर जहां नीतीश विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके बीजेपी में एक बार फिर शामिल होने की बात सामने आ रही है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने एक बयान में कहा कि, नीतीश कुमार कभी भी एनडीए में आ सकते हैं। लेकिन उनका बयान सामने आने के बाद खुद भारतीय जनता पार्टी ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नेता लोग क्या कहते हैं और क्या करते हैं, इससे कोई मतलब नहीं है। पहले भी नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हुए थे। अब नीतीश कुमार का मूड कब बदलता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।