नेपाल में हाल ही में बिगड़े मौसम ने आम लोगों की जिंदगी को बेहद प्रभावित किया है। मानसून के आगमन के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन, बाढ़, और आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं के चलते अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है और कई दर्जन घर ध्वस्त हो गए हैं।
मानसून का आगमन और उसका असर
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दक्षिण पश्चिमी मानसून का आगमन नेपाल के पूर्वी हिस्सों में 10 जून को हुआ था। इसके बाद से मौसम संबंधी घटनाओं में तेजी आई है। बुधवार के दिन विभिन्न जिलों से भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने की 44 घटनाओं की जानकारी मिली। इन घटनाओं ने देश की संरचना और आम लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
भौगोलिक क्षेत्र और मौसमी प्रभाव
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नेपाल तीन मुख्य भौगोलिक क्षेत्रों में बंटा हुआ है: हिमालयी क्षेत्र, मध्य पर्वतीय क्षेत्र, और तराई क्षेत्र। हिमालय पर्वतमाला में अनेक छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं, जहां जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं अधिक देखने को मिल रही हैं।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
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गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पूर्वी और पश्चिमी नेपाल के पांच जिलों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण 15 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय आपदा जोखिम मोचन एवं प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता दीजन भट्टाराई ने बताया कि लामजुंग और तापलेजुंग जिलों में भूस्खलन के कारण पांच-पांच, कास्की में दो और संखुवासभा व ओखलधुंगा जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। मोरंग जिले में बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया।
भूस्खलन और घरों की तबाही
भूस्खलन के कारण इन इलाकों में 30 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इन घटनाओं ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। झापा और कैलाली जिलों में बिजली गिरने की घटनाओं में दो-दो लोगों समेत 11 जिलों में 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत और बचाव कार्य
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सरकार ने इन आपदाओं से निपटने के लिए तेजी से बचाव और राहत कार्य शुरू किया है। सेना, सशस्त्र पुलिस बल, पुलिस कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी तैनात किया गया है। ओखलधुंगा जिले में भूस्खलन की घटनाओं में घायल हुए दो लोगों को हेलीकॉप्टर से काठमांडू ले जाया गया और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है।
भविष्य की चुनौतियां और समाधान
नेपाल में मौसमी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को गंभीर चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सरकार को दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटा जा सके।
सरकार की प्रतिक्रिया
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सरकार ने आपदा प्रबंधन के तहत कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन और समुदायों को मिलकर काम करना होगा ताकि आपदा के समय तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके और नुकसान को कम किया जा सके।
नेपाल में हाल के दिनों में खराब मौसम ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मानसून के आगमन के साथ ही बाढ़, भूस्खलन, और आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं ने लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। इन घटनाओं में 28 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घर ध्वस्त हो गए हैं। सरकार ने राहत और बचाव कार्य के लिए तत्परता दिखाई है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और आपदाओं से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय समुदायों को मिलकर काम करना होगा।