राम मंदिर के बाद, बीजेपी ने फिर से CAA और समान नागरिक संहिता पर चर्चा करना शुरू किया है, जिससे विपक्ष को संभालने का मौका नहीं देना चाहती है। राम मंदिर के बाद हिंदुत्व की लहर चल रही है और बीजेपी ने इसका फायदा उठाते हुए विपक्ष को चुनौती दी है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर, उत्तराखंड सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी को मसौदा तैयार करने के लिए निर्दिष्ट किया है। इसका अर्थ है कि इस तारीख के बाद यूसीसी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। सीएम धामी ने बताया कि उन्हें 2 फरवरी को रिपोर्ट मिलेगी, जिसके बाद उसे लागू करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जाएगा।
विपक्ष में तनाव बढ़ा: नीतीश कुमार की सरकार में बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद, वहां कांग्रेस को 2024 की राह मुश्किल दिखाई दे रही है। इसके संकेत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान में भी दिखे हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पीएम मोदी को निशाना बनाया है।
खरगे का बयान: खरगे ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये आखिरी चुनाव है और अगर मोदी फिर से आते हैं, तो चुनाव नहीं होंगे और तानाशाही आ जाएगी।
CAA का फल: सीएए के बाद विपक्ष में तनाव बढ़ा है, जिसे बीजेपी अपने लाभ के लिए उपयोग कर रही है। ममता बनर्जी ने इसे चुनावी हथकंडा बताया और एसपी सांसद एसटी हसन ने CAA के बाद NRC का भय बताया।
सामाजिक मुद्दों पर बहस: विपक्षी दलों में सीट बंटवारे पर तनातनी बढ़ी है और राज्यों में उनके बीच मनमुटाव समास्या के समाधान में रुकावटें खड़ी कर रहा है।
उपसंग: राम मंदिर के बाद बीजेपी ने यूसीसी और सीएए जैसे मुद्दों को गरमाना शुरू किया है, जिससे विपक्ष को संभालने का कोई मौका नहीं देगी।