रूस और उत्तर कोरिया के बीच हाल ही में हुए समझौते ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने एक शिखर वार्ता के दौरान इस नए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आक्रमण होने पर मदद की प्रतिबद्धता जताई है। यह वार्ता ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देश पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव का सामना कर रहे हैं।
शिखर वार्ता और समझौता
19 जून को सियोल में हुई इस शिखर वार्ता में पुतिन और किम जोंग उन ने सुरक्षा, व्यापार, निवेश, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों पर जोर देते हुए समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने इस समझौते को द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा सुधार बताया है।
पुतिन का उत्तर कोरिया दौरा
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पुतिन का उत्तर कोरिया दौरा चौबीस सालों में पहली बार हुआ है। इस दौरे के दौरान पुतिन और किम ने आपसी सहयोग और समझौतों पर गहन चर्चा की। पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब पश्चिमी देश उत्तर कोरिया द्वारा रूस को यूक्रेन युद्ध में मदद के लिए हथियार मुहैया कराने को लेकर चिंतित हैं। बदले में, उत्तर कोरिया को रूस से आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी मिल रही है।
सैन्य और आर्थिक सहयोग
इस समझौते को आर्थिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों ने अमेरिका के खिलाफ संयुक्त मोर्चा तैयार करने का संकेत दिया है। रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार, पुतिन ने कहा कि किम के साथ बातचीत में सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काफी चर्चा हुई। पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस उत्तर कोरिया के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग विकसित करने से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया की चिंताएं
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अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया रूस को यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए तोपें, मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया करा रहा है। इसके बदले में उत्तर कोरिया को रूस से महत्वपूर्ण सैन्य तकनीक और सहायता मिल रही है। हालांकि, दोनों ही देशों ने इन आरोपों को खारिज किया है।
सुरक्षा और संप्रभुता का समर्थन
किम जोंग उन ने रूस के यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान को अपने देश का पूर्ण समर्थन और एकजुटता जताई है। उन्होंने कहा कि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच संबंध सोवियत काल से भी अधिक घनिष्ठ हो गए हैं। किम ने रूस की भूमिका और मिशन की भी सराहना की, जिसे उन्होंने विश्व में रणनीतिक स्थिरता और संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
स्वागत समारोह
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पुतिन का उत्तर कोरिया में भव्य स्वागत हुआ। किम ने शहर के मुख्य चौक पर पुतिन का स्वागत किया और उत्तर कोरियाई नेतृत्व के प्रमुख सदस्यों का परिचय कराया। पुतिन के काफिले का स्वागत करने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने ‘पुतिन का स्वागत है’ के नारे लगाए। इस दौरान जनता ने उत्तर कोरिया और रूस के झंडे भी लहराए।
शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी
पुतिन के साथ उनके विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव, उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतरूरोव, रक्षा मंत्री एंद्रेई बेलोसोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने भी किम जोंग उन और उत्तर कोरियाई नेताओं के साथ बातचीत की।
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रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुआ यह नया समझौता अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह दोनों देशों के बीच आर्थिक, सैन्य और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देगा और पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण संबंधों को भी प्रभावित करेगा। इस समझौते से यह स्पष्ट है कि रूस और उत्तर कोरिया एक दूसरे की संप्रभुता, सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, इस समझौते ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को लेकर पहले से ही सतर्क हैं।
इस प्रकार, रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह नया समझौता वैश्विक राजनीति के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है। इसके दीर्घकालिक प्रभाव क्या होंगे, यह देखने के लिए हमें आने वाले समय में इन दोनों देशों के कदमों पर नजर रखनी होगी।