सचिन पायलट के बयान से स्पष्ट होता है कि उन्हें देश की राजनीति में विपक्ष की महत्वता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उनके द्वारा किये गए बयान में उन्होंने धार्मिक राजनीति को लेकर भाजपा को आरोपित किया है, जो कि एक चुनावी मुद्दा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना लोकतंत्र के लिए अनुकूल नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि पायलट भाजपा की राजनीतिक उदारता को लेकर चिंतित हैं और उन्हें इस पर चिंता है।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/04/image_2024_04_10T08_26_35_700Z-1024x576.png)
पायलट ने लोगों से कांग्रेस का समर्थन करने की अपील की है, जिसमें वे कांग्रेस के दो प्रत्याशियों, मुरारीलाल मीणा और संजना जाटव के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस ही वह दल है जो लोकतंत्र को बचाने के लिए उत्तरदायी है और उन्हें समर्थन देने की आवश्यकता है।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/04/image_2024_04_10T08_26_03_047Z.png)
उनका आरोप है कि भाजपा विकास के नाम पर धार्मिक मुद्दों को उठाती है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मोदी सरकार के राज में महंगाई को बढ़ते हुए और बेरोजगारी को चरम पर पहुंचने का आरोप भी लगाया है। उन्हें यह भी चिंता है कि संवैधानिक एजेंसियां विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, जो कि लोकतंत्र के लिए एक खतरा हो सकता है।
उन्होंने भी यह कहा कि आगामी चुनाव राजनीतिक दलों की राजनीतिक प्रतिष्ठा को तय करेगा। वे मानते हैं कि विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिससे लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। पायलट का बयान सामान्य जनता के बीच राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है और उन्हें सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकता है।